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11-10-2025

एयर पॉल्यूशन कंट्रोल का आइडिया बताएं...50 लाख रु. का इनाम पाएं

  •  दिल्ली सरकार ने शहर में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए प्रभावी और व्यापक समाधान विकसित करने वाले नवप्रवर्तकों और शोधकर्ताओं के लिए 50 लाख रुपये तक के नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण कम करने के समाधानों के लिए एक नवाचार चुनौती शुरू की, जिसमें व्यक्तियों, स्टार्टअप और शोध संस्थानों को प्रदूषक - पीएम 2.5 और पीएम 10 उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से समाधान प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पूरे भारत में नवप्रवर्तकों, प्रौद्योगिकी शोधकर्ताओं, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, विश्वविद्यालयों और पंजीकृत संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह चुनौती दो मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित होगी - बीएस-4 या बीएस-4 से नीचे के वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी लाना और वातावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों का स्तर कम करना। चयन प्रक्रिया में तीन चरण होंगे, जिसमें डीपीसीसी द्वारा प्रारंभिक जांच, एक स्वतंत्र समिति द्वारा तकनीकी समीक्षा एवं क्षेत्र परीक्षण और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) या समकक्ष निकायों द्वारा अंतिम सत्यापन शामिल है।

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एयर पॉल्यूशन कंट्रोल का आइडिया बताएं...50 लाख रु. का इनाम पाएं

 दिल्ली सरकार ने शहर में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए प्रभावी और व्यापक समाधान विकसित करने वाले नवप्रवर्तकों और शोधकर्ताओं के लिए 50 लाख रुपये तक के नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण कम करने के समाधानों के लिए एक नवाचार चुनौती शुरू की, जिसमें व्यक्तियों, स्टार्टअप और शोध संस्थानों को प्रदूषक - पीएम 2.5 और पीएम 10 उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से समाधान प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पूरे भारत में नवप्रवर्तकों, प्रौद्योगिकी शोधकर्ताओं, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, विश्वविद्यालयों और पंजीकृत संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह चुनौती दो मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित होगी - बीएस-4 या बीएस-4 से नीचे के वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी लाना और वातावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों का स्तर कम करना। चयन प्रक्रिया में तीन चरण होंगे, जिसमें डीपीसीसी द्वारा प्रारंभिक जांच, एक स्वतंत्र समिति द्वारा तकनीकी समीक्षा एवं क्षेत्र परीक्षण और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) या समकक्ष निकायों द्वारा अंतिम सत्यापन शामिल है।


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