केंद्र सरकार की दो प्रमुख सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) संयुक्त रूप से 16 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई हैं। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने कहा कि इस उपलब्धि के साथ भारत की पेंशन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर जुड़ गया है। एनपीएस की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी जबकि एपीवाई 2015 में शुरू की गई थी। दोनों सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं के कुल ग्राहकों की संख्या नौ करोड़ के पार पहुंच गई है। पीएफआरडीए ने हाल के वर्षों में एनपीएस को मजबूत करने और पेंशन समावेशन बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इनमें एक अक्टूबर, 2025 से लागू ‘विविध योजना ढांचा’ (एमएसएफ) शामिल है, जो निवेशकों को अधिक निवेश विकल्प प्रदान करता है। इसके अलावा ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ अस्थायी कामगारों को कवर करता है, जबकि ‘एनपीएस में व्यापक बदलाव पर परामर्श पत्र’ में ग्रेडेड भुगतान और लचीले वार्षिकी विकल्पों का प्रस्ताव है ताकि सेवानिवृत्ति के बाद पर्याप्त आय सुनिश्चित की जा सके। नियामक ने कहा कि किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के कर्मचारियों, स्वयं-सहायता समूहों और असंगठित क्षेत्र के अन्य श्रमिकों को कवरेज में लाने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। पीएफआरडीए ने कहा यह उपलब्धि समावेशन, लचीलापन और दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा के प्रति उसकी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।