यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर द्वारा अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली वित्तीय कंपनियों में निवेश करने के ‘एकतरफा फैसले’ के कारण बैंक को 2,700 करोड़ रु. से अधिक का नुकसान हुआ। यस बैंक और अनिल अंबानी की कंपनियों के बीच कथित धोखाधड़ी वाले लेनदेन से संबंधित एक मामले में सीबीआई के आरोपपत्र में यह बात कही गई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले महीने अनिल अंबानी, राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों सहित 13 लोगों और संस्थाओं के खिलाफ ऋण और निवेश से संबंधित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आरोप पत्र दायर किया था। संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि मामले में अनिल अंबानी के बेटे और रिलायंस कैपिटल के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक अनमोल अंबानी की भूमिका के संबंध में आगे की जांच जारी है। यह मामला यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी द्वारा दर्ज की गई दो अलग-अलग शिकायतों पर आधारित है। आरोप पत्र के अनुसार जब राणा कपूर यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी थे, तब बैंक ने 2017 और 2019 के बीच अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीए) समूह की वित्तीय कंपनियों में 5,010 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस निवेश में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) में 2,965 करोड़ रुपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) के वाणिज्यिक पत्रों में 2,045 करोड़ रुपये शामिल थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि कुल राशि में 3,337.5 करोड़ रुपये दिसंबर, 2019 तक फंसे हुए निवेश (एनपीआई) में बदल गए। इसमें आगे कहा गया कि बैंक इन निवेश के तहत मिली प्रतिभूतियों से संपूर्ण एनपीआई की वसूली नहीं कर सका और इस प्रकार उसे 2,796.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आरोप पत्र के मुताबिक एडीए की कुछ संस्थाएं मुखौटा कंपनियां थीं। सीबीआई ने कहा कि वह मॉर्गन क्रेडिट्स के एनसीडी में निवेश और रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड के एटी-1 बॉन्ड में निवेश को लेकर अनिल अंबानी के पुत्र की भूमिका की जांच कर रही है।