कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में मूल्य के लिहाज से भारत का कॉफी एक्सपोर्ट 15 प्रतिशत बढक़र 1.05 बिलियन डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश से 91.8 करोड़ डॉलर का कॉफी एक्सपोर्ट हुआ था। रुपए की टर्म में वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में कॉफी एक्सपोर्ट 19 प्रतिशत बढक़र 9,119.24 करोड़ रुपए हो गया, जो एक वर्ष पहले 7,678.74 करोड़ रुपए था। इसके अलावा, एक्सपोर्टर्स को प्रति यूनिट प्राप्त आय 34 प्रतिशत बढक़र 4.71 लाख रुपए प्रति टन हो गई, जो एक वर्ष पहले 3.52 लाख रुपए प्रति टन थी। इस वित्त वर्ष की छमाही में भारतीय कॉफी का शिपमेंट 24 प्रतिशत बढक़र 1.95 बिलियन डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष 1.57 बिलियन डॉलर था। इस वर्ष जनवरी-सितंबर की अवधि में यह मात्रा 2.96 लाख टन (3.34 लाख टन) थी। भारत कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। इस बीच, 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इंडिया-ईएफटीए प्रोस्पेरिटी समिट के साइडलाइन में भारतीय कॉफी के अलग-अलग स्वादों का आनंद लेते दिखे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस पर, मुझे इंडिया-ईएफटीए प्रोस्पेरिटी समिट के दौरान हमारी अपनी भारतीय कॉफी के विभिन्न स्वादों का आनंद लेने का अवसर मिला। उन्होंने आगे कहा कि इसकी समृद्ध सुगंध और स्वाद का कोई मुकाबला नहीं, यह इस बात की याद दिलाता है कि हमारी देसी कॉफी वाकई कितनी खास है। हम अपने कॉफी उत्पादकों की सफलता और इस क्षेत्र के निरंतर विकास की कामना करते हैं। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस के अवसर पर कॉफी बोर्ड द्वारा आयोजित कॉफी एक्सपीरियंस जोन एंड एक्सपो का उद्घाटन किया। वाणिज्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय कॉफी सस्टेनेबल है और इसे जंगलों के साथ उगाया जाता है।