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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi
जिस तरह हम वर्तमान समय को मानसून सीजन का पीक मानते हुए यह कह सकते हैं कि आज से एक माह बाद मोटे रूप से मानसून का सीजन देश से विदा होते...
समय धरती पर सबसे बहुमूल्य सम्पत्ति है। कहते हैं-समय और लक्ष्मी चंचल व अस्थिर हैं। ये दोनों चिरकाल तक किसी एक के पास नहीं रहते। आज मनुष्य धन को तो तिजोरी में...
विकास के नये दौर को हम जिस तरह Labour v/s Leisure (परिश्रम के स्थान पर आराम) इकोनॉमी और उससे पैदा होने वाली बेरोजगारी बढ़ाने वाली समाज व्यवस्था के नाम से...
जब कोई देश Global Capitalist System की व्यवस्था को अपना लेता है तो वहां पूंजी प्रधान ऐसे अनेक घटनाक्रम घटित होते चले जाते हैं जो दिखने में व्यक्ति की सफलता......
जब कोई देश Creative के स्थान पर Distributive Capitalism या जो रुपैया जमा है उसे ही नहीं वरन अप्रत्याशित उधार लेकर विकास करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए गति......