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14-10-2025

सीसीआई के आदेश पर एशियन पेंट्स की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

  •  सुप्रीम कोर्ट ने एशियन पेंट्स की उस याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया, जिसमें कंपनी ने डेकोरेटिव पेंट खंड में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोपों की जांच करने के आदेश को चुनौती दी थी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एशियन पेंट्स के खिलाफ भारतीय डेकोरेटिव पेंट्स के निर्माण और बिक्री के बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें सीसीआई के जांच के आदेश को सही ठहराया गया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सुनने की इच्छा न जताते हुए इसे ‘वापस ले लिया गया’ मानकर खारिज कर दिया। प्रतिस्पर्धा आयोग ने बिड़ला पेंट्स की इकाई ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत के बाद एशियन पेंट्स के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। आयोग ने महानिदेशक को जांच पूरी कर 90 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। ग्रासिम ने आरोप लगाया था कि एशियन पेंट्स ने घरेलू डेकोरेटिव पेंट्स बाजार में उसके प्रवेश और वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धा बाधित करने वाले तौर-तरीके अपनाए। सीसीआई ने यह भी कहा कि एशियन पेंट्स के इस व्यवहार से नई कंपनियों के लिए बाजार में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं और प्रतिस्पर्धा आंशिक रूप से बंद हो रही है।  हालांकि, सीसीआई के आदेश में अस्थायी दृष्टिकोण बताते हुए कहा गया था कि यह मामले के निहितार्थ पर अंतिम निर्णय नहीं है। 

    विप्रो एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क : दिल्ली हाईकोर्ट
    दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि विप्रो एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क है। न्यायालय ने कहा कि विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कम से कम 1977 से इस ट्रेडमार्क का लगातार और निर्बाध रूप से उपयोग कर रहा है और इसने काफी साख और प्रतिष्ठा हासिल की है। दरअसल शिवम उद्योग विप्रो वायर मेश ने इस ट्रेडमार्क के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसके खिलाफ विप्रो एंटरप्राइजेज द्वारा दायर एक मुकदमे पर छह अक्टूबर को पारित आदेश में न्यायमूर्ति तेजस करिया ने यह टिप्पणी की। न्यायाधीश ने कहा कि विप्रो 1980 के दशक से विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार कर रही है और उसने विभिन्न श्रेणियों में विप्रो मार्क के लिए कई पंजीकरण हासिल किए हैं, जिनमें विप्रो डिवाइस मार्क का सबसे पहला पंजीकरण 1991 में हुआ था। अदालत ने कहा कि वादी ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, फिलीपींस, ब्राजील, कनाडा, मलेशिया, मेक्सिको जैसे विभिन्न देशों में ट्रेडमार्क पंजीकरण हासिल किए हैं। न्यायाधीश ने कहा, वादी को ट्रेडमार्क या व्यापार नाम विप्रो के तहत अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में विभिन्न मान्यताएं, पुरस्कार और प्रशंसाएं भी मिली हैं।
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सीसीआई के आदेश पर एशियन पेंट्स की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

 सुप्रीम कोर्ट ने एशियन पेंट्स की उस याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया, जिसमें कंपनी ने डेकोरेटिव पेंट खंड में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोपों की जांच करने के आदेश को चुनौती दी थी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एशियन पेंट्स के खिलाफ भारतीय डेकोरेटिव पेंट्स के निर्माण और बिक्री के बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में जांच शुरू करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने मुंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें सीसीआई के जांच के आदेश को सही ठहराया गया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका सुनने की इच्छा न जताते हुए इसे ‘वापस ले लिया गया’ मानकर खारिज कर दिया। प्रतिस्पर्धा आयोग ने बिड़ला पेंट्स की इकाई ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत के बाद एशियन पेंट्स के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। आयोग ने महानिदेशक को जांच पूरी कर 90 दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। ग्रासिम ने आरोप लगाया था कि एशियन पेंट्स ने घरेलू डेकोरेटिव पेंट्स बाजार में उसके प्रवेश और वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धा बाधित करने वाले तौर-तरीके अपनाए। सीसीआई ने यह भी कहा कि एशियन पेंट्स के इस व्यवहार से नई कंपनियों के लिए बाजार में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं और प्रतिस्पर्धा आंशिक रूप से बंद हो रही है।  हालांकि, सीसीआई के आदेश में अस्थायी दृष्टिकोण बताते हुए कहा गया था कि यह मामले के निहितार्थ पर अंतिम निर्णय नहीं है। 

विप्रो एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि विप्रो एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क है। न्यायालय ने कहा कि विप्रो एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कम से कम 1977 से इस ट्रेडमार्क का लगातार और निर्बाध रूप से उपयोग कर रहा है और इसने काफी साख और प्रतिष्ठा हासिल की है। दरअसल शिवम उद्योग विप्रो वायर मेश ने इस ट्रेडमार्क के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसके खिलाफ विप्रो एंटरप्राइजेज द्वारा दायर एक मुकदमे पर छह अक्टूबर को पारित आदेश में न्यायमूर्ति तेजस करिया ने यह टिप्पणी की। न्यायाधीश ने कहा कि विप्रो 1980 के दशक से विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार कर रही है और उसने विभिन्न श्रेणियों में विप्रो मार्क के लिए कई पंजीकरण हासिल किए हैं, जिनमें विप्रो डिवाइस मार्क का सबसे पहला पंजीकरण 1991 में हुआ था। अदालत ने कहा कि वादी ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, फिलीपींस, ब्राजील, कनाडा, मलेशिया, मेक्सिको जैसे विभिन्न देशों में ट्रेडमार्क पंजीकरण हासिल किए हैं। न्यायाधीश ने कहा, वादी को ट्रेडमार्क या व्यापार नाम विप्रो के तहत अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में विभिन्न मान्यताएं, पुरस्कार और प्रशंसाएं भी मिली हैं।

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