भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) लागू हो गया। इसके तहत भारत को 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है, जबकि स्विस घडय़िों एवं चॉकलेट जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करने या समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) में आइसलैंड, लिश्टेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस समझौते पर 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर इसे एक ‘ऐतिहासिक दिन’ बताते हुए कहा कि यह समझौता व्यापार, निवेश और रोजगार सृजन के नए अवसर खोलेगा। दोनों पक्षों के संयुक्त वक्तव्य के मुताबिक, ‘व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) का लागू होना भारत और ईएफटीए देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और व्यापार एवं निवेश को प्रोत्साहित करने की ठोस पहल है।’’ समझौते के तहत भारत 82.7 प्रतिशत शुल्क श्रेणियों पर रियायत दे रहा है जिसमें ईएफटीए के 95.3' निर्यात शामिल हैं। इनमें से 80' से अधिक आयात सोना है। संवेदनशील कृषि उत्पाद, डेयरी, सोया और कोयला को समझौते की छूट सूची से बाहर रखा गया है। सेवाओं में भारत ने 105 उप-क्षेत्रों में पहुंच की पेशकश की है, जबकि बदले में स्विट्जरलैंड ने 128, नॉर्वे ने 114, लिकटेंस्टीन ने 107 और आइसलैंड ने 110 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं दी हैं। इस समझौते से भारत में उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे जबकि 100 अरब डॉलर का निवेश आने से एक करोड़ प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। यह पहला मौका है जब किसी व्यापार समझौते में निवेश प्रतिबद्धता को शामिल किया गया है।