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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

28-10-2025

दूसरी तिमाही में देश के भीतर बिजनस आउटलुक में आई कमजोरी

  •  देश में कारोबारी धारणा लगातार तीन तिमाहियों तक बेहतर होने के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच कुछ कमजोर पड़ी है। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) ने जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि लगातार तीन तिमाहियों तक सुधार दर्ज करने के बाद यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क का नतीजा है। एनसीएईआर ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में कारोबारी विश्वास सूचकांक (बीसीआई) घटकर 142.6 पर आ गया, जो अप्रैल-जून तिमाही में 149.4 था। हालांकि, यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 134.3 अंक की तुलना में बेहतर है। यह सूचकांक चार कारकों- अगले छह महीनों में आर्थिक स्थिति का अनुमान, कंपनियों की वित्तीय स्थिति, निवेश माहौल और उत्पादन क्षमता के उपयोग स्तर पर आधारित है। इनमें से तीन कारकों में धारणा कमजोर रही, जबकि उत्पादन क्षमता उपयोग में सुधार दर्ज हुआ। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट सितंबर में देश के छह प्रमुख शहरों की 484 कंपनियों से मिले जवाबों पर आधारित है।  एनसीएईआर की प्रोफेसर बर्नाली भंडारी के अनुसार, ‘‘वृहद-आर्थिक स्तर पर कारोबारी धारणाएं अधिक प्रभावित हुईं जबकि सूक्ष्म स्तर पर प्रभाव मिला-जुला रहा।’’ सर्वे में यह भी पाया गया कि एमएसएमई के लिए सूचकांक थोड़ा बढ़ा है। यह पहली तिमाही के 137 से बढक़र दूसरी तिमाही में 138 हो गया।  हालांकि, बड़ी कंपनियों के मामले में यह सूचकांक सितंबर तिमाही में घटकर 149.9 पर आ गया जबकि जून तिमाही में यह 171.6 था।32

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दूसरी तिमाही में देश के भीतर बिजनस आउटलुक में आई कमजोरी

 देश में कारोबारी धारणा लगातार तीन तिमाहियों तक बेहतर होने के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच कुछ कमजोर पड़ी है। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) ने जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि लगातार तीन तिमाहियों तक सुधार दर्ज करने के बाद यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त सीमा शुल्क का नतीजा है। एनसीएईआर ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में कारोबारी विश्वास सूचकांक (बीसीआई) घटकर 142.6 पर आ गया, जो अप्रैल-जून तिमाही में 149.4 था। हालांकि, यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 134.3 अंक की तुलना में बेहतर है। यह सूचकांक चार कारकों- अगले छह महीनों में आर्थिक स्थिति का अनुमान, कंपनियों की वित्तीय स्थिति, निवेश माहौल और उत्पादन क्षमता के उपयोग स्तर पर आधारित है। इनमें से तीन कारकों में धारणा कमजोर रही, जबकि उत्पादन क्षमता उपयोग में सुधार दर्ज हुआ। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट सितंबर में देश के छह प्रमुख शहरों की 484 कंपनियों से मिले जवाबों पर आधारित है।  एनसीएईआर की प्रोफेसर बर्नाली भंडारी के अनुसार, ‘‘वृहद-आर्थिक स्तर पर कारोबारी धारणाएं अधिक प्रभावित हुईं जबकि सूक्ष्म स्तर पर प्रभाव मिला-जुला रहा।’’ सर्वे में यह भी पाया गया कि एमएसएमई के लिए सूचकांक थोड़ा बढ़ा है। यह पहली तिमाही के 137 से बढक़र दूसरी तिमाही में 138 हो गया।  हालांकि, बड़ी कंपनियों के मामले में यह सूचकांक सितंबर तिमाही में घटकर 149.9 पर आ गया जबकि जून तिमाही में यह 171.6 था।32


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