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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-04-2025

मध्य प्रदेश में बरसात से मंडियों में गेहूं भीगा वर्तमान भाव पर दिल्ली में विशेष लाभदायक

  •  सरकार द्वारा गेहूं की खरीद शुरू कर दी गई है तथा मध्य प्रदेश से जो खरीद की उम्मीद थी, वह अब भारी बरसात एवं मौसम खराब होने से मुश्किल लग रहा है। हरियाणा पंजाब में भी गेहूं की आवक शुरू हो गई है, लेकिन कुल मिलाकर दिल्ली एनसीआर में वर्तमान भाव से मंदा नहीं लग रहा है तथा इन भावों में व्यापार भरपूर लाभदायक लग रहा है। गेहूं की बिजाई सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 320 लाख हैक्टेयर भूमि में होने की खबरें आ रही है। हालांकि जनवरी-फरवरी के मौसम से गेहूं के उत्पादकता में कमी की आशंका बन गई थी, लेकिन मार्च एवं अब तक के तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होने पश्चिम की हवा नहीं बहने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि हो गई है, क्योंकि गेहूं को पकने के लिए तैयार फसल को अनुकूल तापमान मिला है। इस वजह से यह उत्पादन 1150 लाख मैट्रिक टन होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि गत वर्ष उत्पादन 1090 लाख मैट्रिक टन के करीब हुआ था। सरकार द्वारा 310 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें पंजाब से 124 हरियाणा से 75 मध्य प्रदेश से 60 यूपी से 30 राजस्थान से 20 एवं गुजरात से एक लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है। अब तक खरीद 28 लाख मीट्रिक टन के करीब हो चुकी है, जो गत वर्ष की अपेक्षा 12 लाख मीट्रिक टन अधिक है। अब देखना यह है कि 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ किस राज्य में कितना बोनस देकर सरकार खरीद करती है। अभी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा बैतूल गंज सिवनी लिंगि जबलपुर जो प्रचुर मात्रा में गेहूं, केंद्रीय पूल हेतु देता है, वहां 24 घंटे के अंतराल भारी बरसात एवं ओलावृष्टि के चलते मंडियों में आया हुआ गेहूं भीग कर लथपथ हो गया है। यहां तक की प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि नालियों के रास्ते गेहूं पुन: खेतों में बहकर चला गया। अभी वहां मौसम खराब है तथा 11-12 अप्रैल तक मौसम खराब होने की बात मध्य एवं पूर्वी भारत में विशेष कर समाचार में आ रहे हैं, इस स्थिति में उक्त क्षेत्रों में नए गेहूं की आवक घट गई है। इस समय पुरवइया हवा चल रही है, इसका भी प्रभाव है, क्योंकि इस मौसम में मड़ाई (थ्रेशिंग) का काम काफी धीमा हो जाता है। 2 दिन पहले तक उत्पादक मंडियों में जो गेहूं 2425/2450 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था, उसके भाव 2500 रुपए हो गए हैं। मध्य प्रदेश से 250/260 रुपए का भाड़ा आदि खर्च लगाकर यहां पड़ता है, जबकि दिल्ली में 2600 रुपए प्रति क्विंटल का व्यापार नीचे में हुआ है। इस स्थिति में वर्तमान भाव का गेहूं यहां भरपूर लाभ दे जाएगा।

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मध्य प्रदेश में बरसात से मंडियों में गेहूं भीगा वर्तमान भाव पर दिल्ली में विशेष लाभदायक

 सरकार द्वारा गेहूं की खरीद शुरू कर दी गई है तथा मध्य प्रदेश से जो खरीद की उम्मीद थी, वह अब भारी बरसात एवं मौसम खराब होने से मुश्किल लग रहा है। हरियाणा पंजाब में भी गेहूं की आवक शुरू हो गई है, लेकिन कुल मिलाकर दिल्ली एनसीआर में वर्तमान भाव से मंदा नहीं लग रहा है तथा इन भावों में व्यापार भरपूर लाभदायक लग रहा है। गेहूं की बिजाई सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 320 लाख हैक्टेयर भूमि में होने की खबरें आ रही है। हालांकि जनवरी-फरवरी के मौसम से गेहूं के उत्पादकता में कमी की आशंका बन गई थी, लेकिन मार्च एवं अब तक के तापमान में ज्यादा वृद्धि नहीं होने पश्चिम की हवा नहीं बहने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि हो गई है, क्योंकि गेहूं को पकने के लिए तैयार फसल को अनुकूल तापमान मिला है। इस वजह से यह उत्पादन 1150 लाख मैट्रिक टन होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जबकि गत वर्ष उत्पादन 1090 लाख मैट्रिक टन के करीब हुआ था। सरकार द्वारा 310 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें पंजाब से 124 हरियाणा से 75 मध्य प्रदेश से 60 यूपी से 30 राजस्थान से 20 एवं गुजरात से एक लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य है। अब तक खरीद 28 लाख मीट्रिक टन के करीब हो चुकी है, जो गत वर्ष की अपेक्षा 12 लाख मीट्रिक टन अधिक है। अब देखना यह है कि 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ किस राज्य में कितना बोनस देकर सरकार खरीद करती है। अभी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा बैतूल गंज सिवनी लिंगि जबलपुर जो प्रचुर मात्रा में गेहूं, केंद्रीय पूल हेतु देता है, वहां 24 घंटे के अंतराल भारी बरसात एवं ओलावृष्टि के चलते मंडियों में आया हुआ गेहूं भीग कर लथपथ हो गया है। यहां तक की प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि नालियों के रास्ते गेहूं पुन: खेतों में बहकर चला गया। अभी वहां मौसम खराब है तथा 11-12 अप्रैल तक मौसम खराब होने की बात मध्य एवं पूर्वी भारत में विशेष कर समाचार में आ रहे हैं, इस स्थिति में उक्त क्षेत्रों में नए गेहूं की आवक घट गई है। इस समय पुरवइया हवा चल रही है, इसका भी प्रभाव है, क्योंकि इस मौसम में मड़ाई (थ्रेशिंग) का काम काफी धीमा हो जाता है। 2 दिन पहले तक उत्पादक मंडियों में जो गेहूं 2425/2450 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था, उसके भाव 2500 रुपए हो गए हैं। मध्य प्रदेश से 250/260 रुपए का भाड़ा आदि खर्च लगाकर यहां पड़ता है, जबकि दिल्ली में 2600 रुपए प्रति क्विंटल का व्यापार नीचे में हुआ है। इस स्थिति में वर्तमान भाव का गेहूं यहां भरपूर लाभ दे जाएगा।


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