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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-04-2025

सौंफ-भरपूर लाभ का सौदा रहेगा

  •  सौंफ की फसल  सभी उत्पादक क्षेत्रों से अनुकूल नहीं आ रही है, क्योंकि इस बार चौतरफा फसल में 27-28 प्रतिशत की कमी आने से नये पुराने माल में पीक सीजन में ही बाजार बढऩे लगे है तथा वर्तमान वाले भाव सौंफ के व्यापार में अगले एक डेढ़ माह में ही 50 रुपए प्रति किलो का लाभ मिल जाएगा। राजस्थान गुजरात एवं मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्र में सौंफ की फसल इस बार 27 28 प्रतिशत कम आई है तथा पुराना स्टॉक काफी कट चुका है। गत वर्ष भाव लगातार लुढक़ कर पानी पानी हो जाने से किसानों ने सौंफ की बिजाई कम किया था। दूसरी ओर प्रतिकूल मौसम से प्रति हेक्टेयर यील्ड कम बैठ रहा है। यही कारण है की सीजन में ही प्रेशर माल का नहीं होने से बाजार उछलता जा रहा है।  पिछले सीजन में किसान एवं कारोबारियों को भारी नुकसान लगा था, जिससे सीजन पर ही बिजाई काफी कम किसानों ने की थी तथा कारोबारी भी अपना माल काटते चले गए थे। हम मानते हैं कि अभी भी पुराने माल का स्टॉक उंझा एवं राजस्थान बीकानेर बाड़मेर के कारोबारियों के पास पड़ा है। दिल्ली में भी स्टॉक में है, लेकिन वर्तमान की तेजी को देखकर किसान एवं कच्ची मंडियों के कारोबारी माल दबा गए हैं। इस बार बिजाई कम होने के साथ-साथ जलवायु अनुकूल नहीं होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी  हो गई हैं। गुजरात के कारोबारियों का कहना है कि इस बार समय पूर्व तापमान अधिक हो जाने से यील्ड कम बैठा है। इधर राजस्थान के बाड़मेर जोधपुर लाइन में भी सौंफ की फसल अनुकूल नहीं है, मध्य प्रदेश के नीमच रतलाम लाइन में भी जब बरसात की जरूरत थी, उस समय बरसात नहीं हुई, सर्दी भी देर से आई है तथा गर्मी जल्दी आ गई है, इसलिए सौंफ का चौतरफा उत्पादन कम हुआ है। इधर यूपी में भी बारीक सौंफ आती है, इसके लिए भी एक महीना पूर्व गर्मी पड़ जाने से ग्रोथ कम रह गया है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए सौंफ के उत्पादन में कम से कम 28 $फीसदी की कमी का अंदेशा बन गया है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि सौंफ की खपत अचार आदि उद्योगों में 7-8 प्रतिशत अधिक रही है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन कारोबारी एवं कच्ची मंडियों के किसानों द्वारा सौंफ रोक लिए जाने से बाजार काफी उछाल गया है। वर्तमान में उत्पादक मंडियों में मोटी सौंफ एवरेज  के भाव 115/120 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। यहां भी जो 120/120 रुपए प्रति किलो सौंफ बिक रही थी। उसके भाव  130/140 रुपए हो गए हैं। बढिय़ा मोटी सौफ 180/190 रुपए प्रति किलो बोल रहे हैं। अब स्टॉक अभी कट चुका है, नयी फसल में काफी कमी को देखकर वर्तमान भाव में प्रतिस्पर्धात्मक खरीद शुरू हो गई है है। अत:  इन भावों में सूखा माल खुलकर पकडऩा चाहिए तथा वर्तमान भाव में चालू माह के अंतराल सौंफ 50/60 रुपए प्रति किलो और तेज लग रही है। 

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सौंफ-भरपूर लाभ का सौदा रहेगा

 सौंफ की फसल  सभी उत्पादक क्षेत्रों से अनुकूल नहीं आ रही है, क्योंकि इस बार चौतरफा फसल में 27-28 प्रतिशत की कमी आने से नये पुराने माल में पीक सीजन में ही बाजार बढऩे लगे है तथा वर्तमान वाले भाव सौंफ के व्यापार में अगले एक डेढ़ माह में ही 50 रुपए प्रति किलो का लाभ मिल जाएगा। राजस्थान गुजरात एवं मध्य प्रदेश के उत्पादक क्षेत्र में सौंफ की फसल इस बार 27 28 प्रतिशत कम आई है तथा पुराना स्टॉक काफी कट चुका है। गत वर्ष भाव लगातार लुढक़ कर पानी पानी हो जाने से किसानों ने सौंफ की बिजाई कम किया था। दूसरी ओर प्रतिकूल मौसम से प्रति हेक्टेयर यील्ड कम बैठ रहा है। यही कारण है की सीजन में ही प्रेशर माल का नहीं होने से बाजार उछलता जा रहा है।  पिछले सीजन में किसान एवं कारोबारियों को भारी नुकसान लगा था, जिससे सीजन पर ही बिजाई काफी कम किसानों ने की थी तथा कारोबारी भी अपना माल काटते चले गए थे। हम मानते हैं कि अभी भी पुराने माल का स्टॉक उंझा एवं राजस्थान बीकानेर बाड़मेर के कारोबारियों के पास पड़ा है। दिल्ली में भी स्टॉक में है, लेकिन वर्तमान की तेजी को देखकर किसान एवं कच्ची मंडियों के कारोबारी माल दबा गए हैं। इस बार बिजाई कम होने के साथ-साथ जलवायु अनुकूल नहीं होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी  हो गई हैं। गुजरात के कारोबारियों का कहना है कि इस बार समय पूर्व तापमान अधिक हो जाने से यील्ड कम बैठा है। इधर राजस्थान के बाड़मेर जोधपुर लाइन में भी सौंफ की फसल अनुकूल नहीं है, मध्य प्रदेश के नीमच रतलाम लाइन में भी जब बरसात की जरूरत थी, उस समय बरसात नहीं हुई, सर्दी भी देर से आई है तथा गर्मी जल्दी आ गई है, इसलिए सौंफ का चौतरफा उत्पादन कम हुआ है। इधर यूपी में भी बारीक सौंफ आती है, इसके लिए भी एक महीना पूर्व गर्मी पड़ जाने से ग्रोथ कम रह गया है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए सौंफ के उत्पादन में कम से कम 28 $फीसदी की कमी का अंदेशा बन गया है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि सौंफ की खपत अचार आदि उद्योगों में 7-8 प्रतिशत अधिक रही है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन कारोबारी एवं कच्ची मंडियों के किसानों द्वारा सौंफ रोक लिए जाने से बाजार काफी उछाल गया है। वर्तमान में उत्पादक मंडियों में मोटी सौंफ एवरेज  के भाव 115/120 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। यहां भी जो 120/120 रुपए प्रति किलो सौंफ बिक रही थी। उसके भाव  130/140 रुपए हो गए हैं। बढिय़ा मोटी सौफ 180/190 रुपए प्रति किलो बोल रहे हैं। अब स्टॉक अभी कट चुका है, नयी फसल में काफी कमी को देखकर वर्तमान भाव में प्रतिस्पर्धात्मक खरीद शुरू हो गई है है। अत:  इन भावों में सूखा माल खुलकर पकडऩा चाहिए तथा वर्तमान भाव में चालू माह के अंतराल सौंफ 50/60 रुपए प्रति किलो और तेज लग रही है। 


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