पिछले कुछ समय से नीलामियों में छोटी इलायची की आवक में आई कमी के बाद अब यह फिर से बढऩे लगी है। इसके बाद भी हाजिर बाजारों में इस प्रमुख किराना जिंस की थोक कीमत में सुस्ती छाई हुई है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची मजबूत ही बनी रहने के आसार हैं। पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। यद्यपि हाल ही में किसानों ने अपनी इस फसल की बिकवाली बढ़ा दी थी लेकिन अब एक बार फिर आवक में कमी आने लगी है। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई स्पेशियल्टी इंडियन फूड पार्क्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नीलामी में छोटी इलायची की आवक बढक़र 49,819 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने के बाद भी लिवाली मजबूत ही बनी होने से इसकी औसत नीलामी कीमत उछलकर 2819.60 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 19 मार्च को हुई इस नीलामी में इसकी 27,386 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2587.85 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। छोटी इलायची की नई फसल की आवक का दबाव काफी हद तक बन चुका है। इस बार छोटी इलायची की फसल का श्रीगणेश सामान्य की अपेक्षा देरी से हुआ है। इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम फिलहाल में 150 रुपए उछलकर फिलहाल 2800/2900 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 50 रुपए की मंदी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आरंभिक आठ महीनों में देश से 1055.48 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 4496.40 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 3588.11 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 542.26 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची मजबूत ही बनी रहने की संभावना है।