गुंटूर मेंड़ी में लालमिर्च की आवक पिछले कुछ समय से लगातार तुलनात्मक रूप से ऊंचे स्तर पर हो रही है। इसकी वजह से यहां इस प्रमुख किराना जिंस में थोड़ी मंदी आई है। आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च में और मंदी आने के भी आसार बने हुए हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे देश के अग्रणी उत्पादक राज्यों में लालमिर्च की नई फसल की आवक का दबाव काफी हद तक बन चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंड़ी में लालमिर्च की दैनिक आवक करीब 1.25-1.30 लाख बोरियों की होने की सूचनाएं आ रही हैं। आवक के इस दबाव की वजह से इसकी थोक कीमत पिछले कुछ दिनों से दबाव में बनी हुई है। इससे यह पता चलता है कि कीमत के इस स्तर पर इसे लिवाली का पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पा रहा है। हालांकि इस बार फसल की बुआई तुलनात्मक रूप से नीची हुई थी लेकिन मौसम का अनुकूल समर्थन मिलने और औसत उत्पादकता अच्छी आने से उत्पादन अच्छा होने का अनुमान है। बहरहाल, इससे पूर्व देश के शीर्ष लालमिर्च उत्पादक राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, के कई क्षेत्रों में पूर्व में भारी वर्षा होने तथा बाढ़ आने की खबरें मिली थी। कीमत तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने के बाद भी आंध्र प्रदेश समेत अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों के किसानों ने अपनी लालमिर्च फसल की तेजी से बिक्री कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह हो सकता है कि उन्हें इसमें और मंदी आने की आशंका सता रही हो। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लालमिर्च में हाल ही में 500 रुपए मंदी होकर फिलहाल 11,500/14,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही तेजी आई थी। बहरहाल, गुंटूर में 334 नंबर लालमिर्च फिलहाल 10/12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। 341 नंबर 12,000/13,500 रुपए पर रुकी हुई है। हाल ही में इसमें 500-1000 रुपए की मंदी आई थी। तेजा लालमिर्च भी फिलहाल 11,000/13,200 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली। फटकी मिर्च फिलहाल 3500/8000 रुपए पर बनी होने की सूचना मिली। इसी प्रकार, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी तेजा लालमिर्च फिलहाल 12/15 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली। इसमें हाल ही में 300-500 रुपए की मंदी आई थी। फटकी लालमिर्च फिलहाल 5000/8200 रुपए प्रति क्विंटल पर 500 रुपए मंदी होने की जानकारी मिली। बंगलादेश जैसे परम्परागत आयातक देशों के साथ-साथ घरेलू मांग का भी समर्थन भी पर्याप्त नहीं बना होने से लालमिर्च पर दबाव बढऩे के आसार हंै। आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च और मंदी होने की आशंका भी जताई जा रही है।