TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

04-04-2025

प्लांटों में तैयार माल की कमी से देसी घी 9200 रुपए को पार संभव गर्मी के प्रकोप से दूध पाउडर भी तेज रहेगा

  •  उत्तर भारत में जिस तरह गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है तथा बटर की प्लांटों में कमी बनी है, जिस कारण बाजार एक सप्ताह से तेज हुआ है तथा स्थिति को देखते हुए भविष्य में देसी घी में अच्छी तेजी की संभावना नजर आ रही है। इसके अलावा दूध पाउडर भी 10 रुपए प्रति किलो बढ़ा है, आगे भी 25-30 रुपए प्रति किलो और बढ़ सकता है। परम डेयरी लिमिटेड के सीएमडी राजीव कुमार ने बताया कि देश के दुग्ध उत्पादक प्लांटों में देसी घी का तैयार माल गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम है। इसका मुख्य कारण यह है कि सीजन के पूर्व से ही इजिप्ट देशों के लिए हर भाव में बटर का निर्यात हुआ है, जिसका लाभ छोटे बड़े सभी प्लांटों को मिला है। हम मानते हैं कि लिक्विड दूध की उपलब्धि भी इस बार अनुकूल रही है तथा प्लांट को ढाई करोड़ लीटर तक दैनिक आपूर्ति का अनुमान लगाया गया है, जिससे देसी घी एवं दूध पाउडर का उत्पादन अधिक हुआ है, जो अब लिक्विड दूध सवा करोड़ लीटर दैनिक पर उत्तर भारत के प्लांटों में आपूर्ति हो रही है। गौरतलब है कि उत्पादन का 27-28 प्रतिशत दूध पाउडर प्रयागराज के महाकुंभ में खप गया, जिससे साउथ के दूध पाउडर सस्ते भाव में आने के बावजूद भी अपेक्षित गिरावट सीजन में नहीं आ सकी। आगे मौसम जिस तरह गरम होने वाला है, इसे देखते हुए दूध पाउडर 340/350 रुपए प्रति किलो भी प्रीमियम क्वालिटी का बिक सकता है तथा देसी घी भी 9100/9200 रुपए प्रति टीन बन जाएगा। व्यापार को सुचारू रूप से चलाने एवं राजस्व में वृद्धि हेतु देसी घी पर जीएसटी 12 की बजाय पांच प्रतिशत कर देना चाहिए। हरबंस लाल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि देसी घी का उत्पादन इस बार कम रहा है, क्योंकि बटर में लगातार निर्यातकों की मांग अच्छी रही तथा उसमें निर्माताओं को पड़ते लगने से देसी घी बनाने की बजाय बटर को बेचने में इंटरेस्टेड रहे हैं। वहीं दूध पाउडर में बहुत ज्यादा तेजी का रुझान नहीं था, लेकिन जिस तरह गुजरात कोऑपरेटिव ने बाजार को उछाल दिया है, उससे उत्तर भारत के दूध पाउडर को भी समर्थन मिलने की पूरी संभावना है। पिछले एक सप्ताह के अंतराल 10 रुपए प्रति किलो की इसमें वृद्धि हो गई है तथा 5 रुपए देसी घी के भाव भी बढ़े हैं। हालांकि प्रयागराज में हल्के भारी दूध पाउडर भारी मात्रा में खप चुके हैं, वह दुग्ध उत्पादक क्षेत्रों से लिक्विड एवं सूखा दोनों ही गया है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन इस बार लिक्विड की उपलब्धि भी बराबर रहने से कंपनियों को दूध पाउडर बनाने में पहले की अपेक्षा सुविधा रही है, इसलिए देसी घी तो भविष्य में 9500 रुपए प्रति टीन बन सकता है, लेकिन दूध पाउडर 330/335 रुपए से ऊपर मुश्किल लग रहा है, जो वर्तमान में 300/305 रुपए प्रीमियम क्वालिटी के चल रहे हैं।

    प्रताप देशी घी के चेयरमैन नारायण दत्त अग्रवाल ने बताया कि गर्मी बढऩे से लिक्विड दूध की आगे कमी हो जाएगी तथा 20-25 दिन बाद अधिकतर प्लांट मेंटिनेस में चले जाएंगे, इस स्थिति में देसी घी में मंदा तो नहीं है, लेकिन ज्यादा गर्मी पडऩे पर आम उपभोक्ताओं की खपत देसी घी में घट जाती है। अधिकतर उपभोक्ता आम का सीजन आने एवं खरबूज तरबूज के तरफ कन्वर्ट हो जाते हैं, इसलिए अपेक्षाकृत तेजी भी नहीं बन पाएगी। अभी 75/80 रुपए बढक़र प्रीमियम क्वालिटी के भाव 8500/8600 रुपए प्रति टीन के बीच जरूर हो गए हैं, लेकिन जैसे-जैसे रेट बढ़ेंगे, बिक्री भी घट जाएगी। उधर दूध पाउडर के भाव नीचे चल रहे थे, लेकिन गुजरात कोऑपरेटिव के भाव बढ़ जाने से इसमें 15/20 रुपए प्रति किलो और बढ़ सकते हैं। हरबंस डेयरी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि इस समय लिक्विड दूध के भाव54/55 प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं तथा वीएलसी 57/58 रुपए में प्लांटों में आ रही है, आज भी एक रुपया लीटर लिक्विड का भाव बढ़ा है। देसी घी की चारों तरफ शॉर्टेज है तथा आगे 15 अप्रैल से 5 जुलाई तक जबरदस्त शादियां हैं, इसलिए देसी घी एवं दूध पाउडर दोनों ही तेज रहेंगे। अत: वर्तमान भाव पर व्यापार करते रहना चाहिए। इस बार अक्टूबर से होली तक लिक्विड दूध की उपलब्धि भरपूर रही तथा अप्रैल महीने में भी अंतिम पखवाड़े तक प्लांट को दूध मिलने की संभावना है, इसे देखते हुए देसी घी में मक्खन की शॉर्टेज से बाजार अभी और तेज हो जाएंगे तथा दूध पाउडर भी गुजरात कोआपरेटिव द्वारा जिस हिसाब से मूल्य बढ़ाया है, उसे देखकर अच्छी तेजी दिखाई दे रही है। अमर दास सार्थक कुमार के प्रोपराइटर सार्थक कुमार ने बताया कि देसी घी में 75/100 रुपए प्रति टन की तेजी आ गई है। यहां प्रीमियम क्वालिटी के माल 8500/8600 रुपए प्रति टीन बिक रहे हैं, लेकिन मिलावटी माल बिकने से ओरिजिनल देसी घी के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसे सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए। सैंपल पास माल बाजार में 6800/7500 रुपए बिक रहे हैं तथा मिलावटी माल के कोई भाव नहीं है। बटर के ऊंचे भाव होने से देसी घी में मंदा तो नहीं है, लेकिन व्यापार में 12 प्रतिशत की जीएसटी एवं मिलावटी माल, कारोबारियों को कुठाराघात कर रहे हैं। सरकार को 12 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर दूध पाउडर की तरह पांच प्रतिशत कर देना चाहिए।

Share
प्लांटों में तैयार माल की कमी से देसी घी 9200 रुपए को पार संभव गर्मी के प्रकोप से दूध पाउडर भी तेज रहेगा

 उत्तर भारत में जिस तरह गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है तथा बटर की प्लांटों में कमी बनी है, जिस कारण बाजार एक सप्ताह से तेज हुआ है तथा स्थिति को देखते हुए भविष्य में देसी घी में अच्छी तेजी की संभावना नजर आ रही है। इसके अलावा दूध पाउडर भी 10 रुपए प्रति किलो बढ़ा है, आगे भी 25-30 रुपए प्रति किलो और बढ़ सकता है। परम डेयरी लिमिटेड के सीएमडी राजीव कुमार ने बताया कि देश के दुग्ध उत्पादक प्लांटों में देसी घी का तैयार माल गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम है। इसका मुख्य कारण यह है कि सीजन के पूर्व से ही इजिप्ट देशों के लिए हर भाव में बटर का निर्यात हुआ है, जिसका लाभ छोटे बड़े सभी प्लांटों को मिला है। हम मानते हैं कि लिक्विड दूध की उपलब्धि भी इस बार अनुकूल रही है तथा प्लांट को ढाई करोड़ लीटर तक दैनिक आपूर्ति का अनुमान लगाया गया है, जिससे देसी घी एवं दूध पाउडर का उत्पादन अधिक हुआ है, जो अब लिक्विड दूध सवा करोड़ लीटर दैनिक पर उत्तर भारत के प्लांटों में आपूर्ति हो रही है। गौरतलब है कि उत्पादन का 27-28 प्रतिशत दूध पाउडर प्रयागराज के महाकुंभ में खप गया, जिससे साउथ के दूध पाउडर सस्ते भाव में आने के बावजूद भी अपेक्षित गिरावट सीजन में नहीं आ सकी। आगे मौसम जिस तरह गरम होने वाला है, इसे देखते हुए दूध पाउडर 340/350 रुपए प्रति किलो भी प्रीमियम क्वालिटी का बिक सकता है तथा देसी घी भी 9100/9200 रुपए प्रति टीन बन जाएगा। व्यापार को सुचारू रूप से चलाने एवं राजस्व में वृद्धि हेतु देसी घी पर जीएसटी 12 की बजाय पांच प्रतिशत कर देना चाहिए। हरबंस लाल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि देसी घी का उत्पादन इस बार कम रहा है, क्योंकि बटर में लगातार निर्यातकों की मांग अच्छी रही तथा उसमें निर्माताओं को पड़ते लगने से देसी घी बनाने की बजाय बटर को बेचने में इंटरेस्टेड रहे हैं। वहीं दूध पाउडर में बहुत ज्यादा तेजी का रुझान नहीं था, लेकिन जिस तरह गुजरात कोऑपरेटिव ने बाजार को उछाल दिया है, उससे उत्तर भारत के दूध पाउडर को भी समर्थन मिलने की पूरी संभावना है। पिछले एक सप्ताह के अंतराल 10 रुपए प्रति किलो की इसमें वृद्धि हो गई है तथा 5 रुपए देसी घी के भाव भी बढ़े हैं। हालांकि प्रयागराज में हल्के भारी दूध पाउडर भारी मात्रा में खप चुके हैं, वह दुग्ध उत्पादक क्षेत्रों से लिक्विड एवं सूखा दोनों ही गया है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन इस बार लिक्विड की उपलब्धि भी बराबर रहने से कंपनियों को दूध पाउडर बनाने में पहले की अपेक्षा सुविधा रही है, इसलिए देसी घी तो भविष्य में 9500 रुपए प्रति टीन बन सकता है, लेकिन दूध पाउडर 330/335 रुपए से ऊपर मुश्किल लग रहा है, जो वर्तमान में 300/305 रुपए प्रीमियम क्वालिटी के चल रहे हैं।

प्रताप देशी घी के चेयरमैन नारायण दत्त अग्रवाल ने बताया कि गर्मी बढऩे से लिक्विड दूध की आगे कमी हो जाएगी तथा 20-25 दिन बाद अधिकतर प्लांट मेंटिनेस में चले जाएंगे, इस स्थिति में देसी घी में मंदा तो नहीं है, लेकिन ज्यादा गर्मी पडऩे पर आम उपभोक्ताओं की खपत देसी घी में घट जाती है। अधिकतर उपभोक्ता आम का सीजन आने एवं खरबूज तरबूज के तरफ कन्वर्ट हो जाते हैं, इसलिए अपेक्षाकृत तेजी भी नहीं बन पाएगी। अभी 75/80 रुपए बढक़र प्रीमियम क्वालिटी के भाव 8500/8600 रुपए प्रति टीन के बीच जरूर हो गए हैं, लेकिन जैसे-जैसे रेट बढ़ेंगे, बिक्री भी घट जाएगी। उधर दूध पाउडर के भाव नीचे चल रहे थे, लेकिन गुजरात कोऑपरेटिव के भाव बढ़ जाने से इसमें 15/20 रुपए प्रति किलो और बढ़ सकते हैं। हरबंस डेयरी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि इस समय लिक्विड दूध के भाव54/55 प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं तथा वीएलसी 57/58 रुपए में प्लांटों में आ रही है, आज भी एक रुपया लीटर लिक्विड का भाव बढ़ा है। देसी घी की चारों तरफ शॉर्टेज है तथा आगे 15 अप्रैल से 5 जुलाई तक जबरदस्त शादियां हैं, इसलिए देसी घी एवं दूध पाउडर दोनों ही तेज रहेंगे। अत: वर्तमान भाव पर व्यापार करते रहना चाहिए। इस बार अक्टूबर से होली तक लिक्विड दूध की उपलब्धि भरपूर रही तथा अप्रैल महीने में भी अंतिम पखवाड़े तक प्लांट को दूध मिलने की संभावना है, इसे देखते हुए देसी घी में मक्खन की शॉर्टेज से बाजार अभी और तेज हो जाएंगे तथा दूध पाउडर भी गुजरात कोआपरेटिव द्वारा जिस हिसाब से मूल्य बढ़ाया है, उसे देखकर अच्छी तेजी दिखाई दे रही है। अमर दास सार्थक कुमार के प्रोपराइटर सार्थक कुमार ने बताया कि देसी घी में 75/100 रुपए प्रति टन की तेजी आ गई है। यहां प्रीमियम क्वालिटी के माल 8500/8600 रुपए प्रति टीन बिक रहे हैं, लेकिन मिलावटी माल बिकने से ओरिजिनल देसी घी के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसे सरकार को संज्ञान में लेना चाहिए। सैंपल पास माल बाजार में 6800/7500 रुपए बिक रहे हैं तथा मिलावटी माल के कोई भाव नहीं है। बटर के ऊंचे भाव होने से देसी घी में मंदा तो नहीं है, लेकिन व्यापार में 12 प्रतिशत की जीएसटी एवं मिलावटी माल, कारोबारियों को कुठाराघात कर रहे हैं। सरकार को 12 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर दूध पाउडर की तरह पांच प्रतिशत कर देना चाहिए।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news