गेहूं का उत्पादन अधिक होने तथा सरकार की सक्रियता से गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में गेहूं के खरीद 45 प्रतिशत अधिक हुई है तथा अब तक 60 लाख मीट्रिक टन को पार कर गई है। इधर चारो तरफ गेहूं की खरीद से उत्पादक मंडियों में इसके भाव बढ़ गए हैं। इधर एमपी के छिंदवाड़ा लिंगा समसवाड़ा शिवनी लाइन में गोदाम पहुंच 2650/2620 रुपए प्रति कुंतल का व्यापार हो रहा है। गेहूं की खरीद वर्ष 2023-24 में 262.5 लाख मीट्रिक टन हुई थी तथा गत वर्ष 2024-25 में 266.5 लाख मीट्रिक टन हुई थी, जबकि लक्ष्य 341 लाख मीट्रिक टन का निर्धारित किया गया था। इस बार गेहूं का खरीद लक्ष्य 310 लाख मीट्रिक टन का है तथा युद्ध स्तर पर खरीद चल रही है। अभी मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीद हुई है, दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में खरीद हुई है। हरियाणा पंजाब से खरीद लक्ष्य 200 लाख मीट्रिक टन का है। यूपी एमपी बिहार राजस्थान में गेहूं का दबाव बना हुआ है, जिसका 38 प्रतिशत के करीब गेहूं की कटाई हो चुकी है तथा हरियाणा पंजाब में आवक का दबाव बनने लगा है तथा सरकार की सक्रियता से खरीद चल रही है। दूसरी ओर गत वर्ष 324 लाख हैक्टेयर के मुकाबले चालू सीजन में 324.38 हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई हुई है, इन परिस्थितियों को देखते हुए इस बार खरीद, लक्ष्य तक पहुंच सकती है। दिल्ली में 2600 रुपए बनने के बाद अब 2650 रुपए मिल क्वॉलिटी मिल पहुंच हो गए हैं तथा मध्य प्रदेश की मंडियों में 2575/2600 रुपए एवं हरियाणा पंजाब में भी अभी 2600/2640 रुपए तक पहुंच में व्यापार हो रहा है। सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में 2600 एवं राजस्थान 2575 बोनस सहित खरीद की जा रही है। इस तरह कुल मिलाकर अभी ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है।