पिछले कुछ समय से नीलामियों में छोटी इलायची की आवक फिर से बढऩे लगी है। इसके परिणामस्वरूप हाजिर बाजारों में इस प्रमुख किराना जिंस की थोक कीमत में हाल ही में थोड़ी मंदी आई है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची में तेजी की संभावना नजर नहीं आ रही है। पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। यद्यपि हाल ही में किसानों ने अपनी इस फसल की बिकवाली बढ़ा दी है। इसलिए नीलामियों में इसकी आवक अब एक बार फिर बढऩे लगी है। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई कार्डमम फोरएवर प्राइवेट लिमिटेड नीलामी में छोटी इलायची की आवक उछलकर 15,658 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने और लिवाली कमजोर पडऩे से इसकी औसत नीलामी कीमत गिरकर 2563.80 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 29 मार्च को हुई इस नीलामी में इसकी 8513 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2725.80 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। छोटी इलायची की नई फसल की आवक का दबाव बन चुका है। इस बार छोटी इलायची की फसल का श्रीगणेश सामान्य की अपेक्षा देरी से हुआ है। इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम फिलहाल में 50 रुपए मंदी होकर फिलहाल 2750/2850 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 150 रुपए का उछाल आया था। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आरंभिक आठ महीनों में देश से 1055.48 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 4496.40 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 3588.11 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 542.26 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची में तेजी की संभावना नजर नहीं आ रही है।