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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-04-2025

उत्पादन कम होने से कलौंजी में तेजी के आसार

  •  कलौंजी का उत्पादन पिछले साल से भी कम बताया जा रहा है। वहीं आचार के  सीजन से इसके भाव बढ़ गए हैं। आम की नई फसल चालू माह में आने लगेगी। कलौंजी की डिमांड अधिकतर मई, जून, जुलाई एवं अगस्त में होती है। पिछले दो पखवाड़े पहले इसके भाव 19000/20000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे थे। लेकिन इस समय इसके भाव 3000 रुपए बढक़र 22000/23000 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। कलौंजी की कीमतों में करीब 20/25 रुपए किलो की तेजी दिखाई दे रही है। इसका उत्पादन राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में की जाती है। कलौंजी रबी सीजन की फसल है, इसकी बुवाई अक्टूबर में की जा सकती है। उत्तर भारत में बुवाई के लिए मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसकी नई आवक राजस्थान, एमपी से आ रही है। तथा इसके भाव 170 रुपए खुला था। कलौंजी का उपयोग नॉनवेज बनाने में भी किया जा रहा है। जिससे इसकी खपत बढ़ गई है। इसके अलावा बाहर से जो मछली आती है उनके ऊपर भी कलौंजी रखी जाती है। क्योंकि गर्मियों में मछली बदबू अधिक मारती है। इससे भी मांग बढ़ गई है।

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उत्पादन कम होने से कलौंजी में तेजी के आसार

 कलौंजी का उत्पादन पिछले साल से भी कम बताया जा रहा है। वहीं आचार के  सीजन से इसके भाव बढ़ गए हैं। आम की नई फसल चालू माह में आने लगेगी। कलौंजी की डिमांड अधिकतर मई, जून, जुलाई एवं अगस्त में होती है। पिछले दो पखवाड़े पहले इसके भाव 19000/20000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे थे। लेकिन इस समय इसके भाव 3000 रुपए बढक़र 22000/23000 रुपए प्रति क्विंटल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। कलौंजी की कीमतों में करीब 20/25 रुपए किलो की तेजी दिखाई दे रही है। इसका उत्पादन राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में की जाती है। कलौंजी रबी सीजन की फसल है, इसकी बुवाई अक्टूबर में की जा सकती है। उत्तर भारत में बुवाई के लिए मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसकी नई आवक राजस्थान, एमपी से आ रही है। तथा इसके भाव 170 रुपए खुला था। कलौंजी का उपयोग नॉनवेज बनाने में भी किया जा रहा है। जिससे इसकी खपत बढ़ गई है। इसके अलावा बाहर से जो मछली आती है उनके ऊपर भी कलौंजी रखी जाती है। क्योंकि गर्मियों में मछली बदबू अधिक मारती है। इससे भी मांग बढ़ गई है।


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