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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

03-04-2025

सरकार की सख्ती एवं आवक बढऩे से गेहूं में मंदा जारी

  •  सरकार ने अधिसूचना जारी किया है कि केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत आगामी एक अप्रैल से प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर गेहूं का स्टॉक अनिवार्य रूप से अपलोड करना पड़ेगा। इस खबर से गेहूं में बिकवाली का प्रेशर बढ़ गया है, जिससे एक पखवाड़े में 250 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा आ गया है तथा आगे भी 50 रुपए और घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यद्यपि गेहूं की बिजाई देश के सभी उत्पादक राज्यों में अधिक हुई है, तथापि जलवायु परिवर्तन के चलते जनवरी के मध्य से ही मौसम का तापमान बढ़ जाने से प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता घटने की संभावना बन गई है। दूसरी ओर पुराना स्टॉक भी काफी निकल चुका है, जिसके चलते सरकार अभी से बाजार में आपूर्ति एवं कीमतों पर निगरानी बनाई हुई है। गौरतलब है कि 31 मार्च 2025 तक गेहूं पर स्टॉक सीमा लगी हुई थी, उसको अभी आगे एक्सटेंड नहीं किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रत्येक शुक्रवार को एक अप्रैल के बाद से अपने स्टॉक को पोर्टल पर डालना होगा, यह अनिवार्य है। इस खबर से बाजारों में जो चौतरफा स्टॉक की प्रवृत्ति बन गई थी, वह आज थम गई है तथा सरकार ने आगाह किया है कि हम नाजायज जमाखोरी को बढ़ावा नहीं देंगे तथा आम उपभोक्ताओं को ध्यान रखा जाएगा। यह कानून ट्रेडर्स स्टॉकिस्ट मिलर्स एवं रिटेलर्स सबके लिए लागू है। गेहूं के भाव यहां बिकवाली के प्रेशर में 250 रुपए घटकर 2600/2625 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। इधर छिंदवाड़ा लिंगा बैतूल गंज मुलताई लाइन में लगातार गेहूं का प्रेशर बढ़ गया है तथा राजस्थान के अलवर जयपुर लाइन में भी आवक का दबाव बनने लगा है। यूपी हरियाणा पंजाब में भी छिटपुट कटाई शुरू हो गई है। अत: अभी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए।

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सरकार की सख्ती एवं आवक बढऩे से गेहूं में मंदा जारी

 सरकार ने अधिसूचना जारी किया है कि केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत आगामी एक अप्रैल से प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर गेहूं का स्टॉक अनिवार्य रूप से अपलोड करना पड़ेगा। इस खबर से गेहूं में बिकवाली का प्रेशर बढ़ गया है, जिससे एक पखवाड़े में 250 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा आ गया है तथा आगे भी 50 रुपए और घटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यद्यपि गेहूं की बिजाई देश के सभी उत्पादक राज्यों में अधिक हुई है, तथापि जलवायु परिवर्तन के चलते जनवरी के मध्य से ही मौसम का तापमान बढ़ जाने से प्रति हेक्टेयर गेहूं की उत्पादकता घटने की संभावना बन गई है। दूसरी ओर पुराना स्टॉक भी काफी निकल चुका है, जिसके चलते सरकार अभी से बाजार में आपूर्ति एवं कीमतों पर निगरानी बनाई हुई है। गौरतलब है कि 31 मार्च 2025 तक गेहूं पर स्टॉक सीमा लगी हुई थी, उसको अभी आगे एक्सटेंड नहीं किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रत्येक शुक्रवार को एक अप्रैल के बाद से अपने स्टॉक को पोर्टल पर डालना होगा, यह अनिवार्य है। इस खबर से बाजारों में जो चौतरफा स्टॉक की प्रवृत्ति बन गई थी, वह आज थम गई है तथा सरकार ने आगाह किया है कि हम नाजायज जमाखोरी को बढ़ावा नहीं देंगे तथा आम उपभोक्ताओं को ध्यान रखा जाएगा। यह कानून ट्रेडर्स स्टॉकिस्ट मिलर्स एवं रिटेलर्स सबके लिए लागू है। गेहूं के भाव यहां बिकवाली के प्रेशर में 250 रुपए घटकर 2600/2625 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। इधर छिंदवाड़ा लिंगा बैतूल गंज मुलताई लाइन में लगातार गेहूं का प्रेशर बढ़ गया है तथा राजस्थान के अलवर जयपुर लाइन में भी आवक का दबाव बनने लगा है। यूपी हरियाणा पंजाब में भी छिटपुट कटाई शुरू हो गई है। अत: अभी तेजी का व्यापार नहीं करना चाहिए।


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