भारत में 2024 में हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल (एचएनडब्ल्यूआई) की वेल्थ में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही, पिछले साल के अंत तक 3,78,810 मिलियनेर्स की वेल्थ 1.5 ट्रिलियन डॉलर रिकॉर्ड की गई। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। कैपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट की वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2024 के अंत तक भारत में 3,33,340 मिलियनेर्स की वेल्थ 628.93 बिलियन डॉलर रही। इसके अलावा, 2024 के अंत तक भारत में 4,290 अल्ट्रा एचएनडब्ल्यूआई थे, जिनकी कुल वेल्थ 534.77 बिलियन डॉलर थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे किए गए 81% ग्लोबल नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई की तुलना में 85% नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई भारतीय अगले 1-2 वर्षों में अपने पैरेंट्स की वेल्थ मैनेजमेंट फर्म से स्विच करने का प्लान बना रहे हैं। कैपजेमिनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे किए गए भारतीय नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई में से लगभग 41% ने लेनदेन करने के लिए अप्रभावी डिजिटल टूल को वेल्थ मैनेजमेंट फर्म से स्विच करने का कारण बताया है। भारत में 2030 तक 98% नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई अपनी ऑफशोर एसेट्स को 10% से अधिक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि ग्लोबल एचएनडब्ल्यूआई की आबादी 2024 में 2.6% बढ़ी है। यह वृद्धि अल्ट्रा एचएनडब्ल्यूआई की आबादी में वृद्धि की वजह से देखी गई, जो 6.2% बढ़ी, क्योंकि मजबूत शेयर बाजारों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आशावाद ने पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ावा दिया। डेटा दिखाता है कि अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट जैसे कि प्राइवेट इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी एचएनडब्ल्यूआई होल्डिंग्स में स्थापित उपस्थिति दर्ज करवाते हैं, जो कि उनके पोर्टफोलियो का 15 प्रतिशत हिस्सा है। कैपजेमिनी के फाइनेंशियल सर्विसेज स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट एंड ग्रुप एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर के सीईओ कार्तिक रामकृष्णन ने कहा, एक बड़े लेवल पर वेल्थ ट्रांसफर इंडस्ट्री के लिए एक निर्णायक क्षण होगा। ग्लोबल वेल्थ में वृद्धि के बावजूद, 81 प्रतिशत उत्तराधिकारी, विरासत के एक से दो साल के भीतर फर्म बदलने की योजना बना रहे हैं। इन असंतुष्ट ग्राहकों को खोने की संभावना ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर के लिए बड़ा जोखिम पैदा करने जा रही है। नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई माता-पिता से बहुत अलग अपेक्षाओं के साथ आते हैं। यह पारंपरिक रणनीतियों से हटकर तत्काल बदलाव की जरूरत को दिखाता है, ताकि इस वेल्थ जर्नी पर नेक्स्ट जनरेशन एचएनडब्ल्यूआई की उभरती जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके। रामकृष्णन ने कहा, फर्मों को सलाहकारों को डिजिटल क्षमताओं से लैस करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए, जो संभावित रूप से एजेंटिक या जनरेटिव एआई से जुड़े हों, ताकि क्लाइंट और प्रमुख कर्मचारियों दोनों को खोने के जोखिम को कम किया जा सके।