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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-06-2025

हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग के लिए सेज नियमों में छूट देगी सरकार

  •  भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सेज नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सेज यानी स्पेशल इकोनॉमिक •ाोन। मंगलवार 3 जून को नोटिफाई किए गए स्पेशल इकोनॉमिक जोन (अमेंडमेंट) नियम, 2025 के तहत अब कंपनियां छोटे प्लॉट पर भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगा सकेंगी। इसके साथ ही स्टोरेज, सेल्स और लैंडयूज के नियमों में कई ढील दी गई हैं। नए नियमों के अनुसार सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए सेज में अब कम से कम भूमि आवश्यकता 50 हेक्टेयर से घटाकर 10 हेक्टेयर कर दी गई है। मल्टी-प्रोडक्ट सेज के लिए यह सीमा 20 हेक्टेयर से घटाकर 4 हेक्टेयर कर दी गई है। स्मार्ट वॉच, ईयरबड्स, डिस्प्ले मॉड्यूल, लीथियम-आयन बैटरी सेल्स, कैमरा मॉड्यूल, पीसीबी, मोबाइल हार्डवेयर आदि को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की कैटेगरी में शामिल किया गया है। साथ ही कंपनियां अब तैयार प्रॉडक्ट्स को सीधे एक्सपोर्ट, लोकल सेल्स या एफटीडब्ल्यू•ौड ( Free Trade and Warehousing Zone) और कस्टम बॉन्डेड वेयरहाउस में भेज सकेंगी। इसी तरह अगर भूमि सरकार या उसकी एजेंसियों के पास गिरवी/लीज पर है, तो उस पर सेज स्थापित किया जा सकता है। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2023 में 45 बिलियन का था और 2030 तक इसके 100 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। बढ़ती डिजिटल मांग के बीच सरकार ने 2021 में 76 हजार करोड़ रुपये के बजट से इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। अब तक 70 से अधिक स्टार्टअप और 270 संस्थान सेमीकंडक्टर तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिनमें से 20 उत्पादों की टेप-आउट मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर लैब में हो चुकी है।

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हाईटेक मैन्युफैक्चरिंग के लिए सेज नियमों में छूट देगी सरकार

 भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सेज नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सेज यानी स्पेशल इकोनॉमिक •ाोन। मंगलवार 3 जून को नोटिफाई किए गए स्पेशल इकोनॉमिक जोन (अमेंडमेंट) नियम, 2025 के तहत अब कंपनियां छोटे प्लॉट पर भी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगा सकेंगी। इसके साथ ही स्टोरेज, सेल्स और लैंडयूज के नियमों में कई ढील दी गई हैं। नए नियमों के अनुसार सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए सेज में अब कम से कम भूमि आवश्यकता 50 हेक्टेयर से घटाकर 10 हेक्टेयर कर दी गई है। मल्टी-प्रोडक्ट सेज के लिए यह सीमा 20 हेक्टेयर से घटाकर 4 हेक्टेयर कर दी गई है। स्मार्ट वॉच, ईयरबड्स, डिस्प्ले मॉड्यूल, लीथियम-आयन बैटरी सेल्स, कैमरा मॉड्यूल, पीसीबी, मोबाइल हार्डवेयर आदि को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की कैटेगरी में शामिल किया गया है। साथ ही कंपनियां अब तैयार प्रॉडक्ट्स को सीधे एक्सपोर्ट, लोकल सेल्स या एफटीडब्ल्यू•ौड ( Free Trade and Warehousing Zone) और कस्टम बॉन्डेड वेयरहाउस में भेज सकेंगी। इसी तरह अगर भूमि सरकार या उसकी एजेंसियों के पास गिरवी/लीज पर है, तो उस पर सेज स्थापित किया जा सकता है। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2023 में 45 बिलियन का था और 2030 तक इसके 100 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। बढ़ती डिजिटल मांग के बीच सरकार ने 2021 में 76 हजार करोड़ रुपये के बजट से इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। अब तक 70 से अधिक स्टार्टअप और 270 संस्थान सेमीकंडक्टर तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिनमें से 20 उत्पादों की टेप-आउट मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर लैब में हो चुकी है।


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