जयपुर। इंडियन पेंट सेक्टर में कमजोर डिमांड के बीच कंपिटिशन लगातार व्यापक होता जा रहा है। इस बीच इस सेक्टर में पहले से मौजूद कंपनियां अपना मार्केट शेयर बचाने के लिए ब्रांड विजिबिलिटी व डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को बढ़ा रही है, जिससे उनकी प्रोफिटेबिलिटी पर इंपैक्ट पड़ रहा है। 5 लिस्टेड पेंट कंपनियों के जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर में एग्रीगेट ऑपरेटिंग मार्जिन में लगातार 5वें क्वार्टर गिरावट दर्ज की गई है। मार्च 2025 क्वार्टर में यह 123 बेसिस पाइंट घटकर 15.9% रह गया। इसके मायने यह हुए कि कमजोर इनपुट कॉस्ट का कंपनियों को मिला बेनेफिट ऊंची ऑपरेटिंग कॉस्ट से ऑफसेट हो गया। कंपनियों की अन्य कॉस्ट व एम्पलाई कॉस्ट इस दौरान क्रमश: 110 व 50 बेसिस पाइंट बढ़ी है। प्रोफिटेबिलिटी में कमी के लिहाज से पेंट सेक्टर में एशियन पेंट्स लि. सबसे ऊपर रही। कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन मार्च 2025 क्वार्टर में 219 बेसिस पाइंट घटा है। इसके आलवा कंपिटिटिव इंटेंसिटी बढऩे के कारण कनसाई नरोलेक व एक्जो नोबल इंडिया लि. के ऑपरेटिंग मार्जिनों में भी कमी आई है। वहीं कॉस्ट कंट्रोल के कारण बर्जर पेंट लि. के ऑपरेटिंग मार्जिनों में इस दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पेंट सेक्टर में हाल ही में एंट्री करने वाली ग्रासिम इंडस्ट्रीज का ब्रांड बिड़ला ओपस तेजी से ग्रोथ कर रहा है। कंपनी के मुताबिक लांच के मात्र 6 महिने में ही यह ब्रांड इंडियन डेकोरेटिव पेंट इंडस्ट्री में तीसरा सबसे बड़ा ब्रांड बन गया है। बिड़ला ओपस के तहत अब तक 176 डेकोरेटिव पेंट्स की रेंज लांच की जा चुकी है। बिड़ला ओपस की कुल पेंट प्रोडक्शन कैपेसिटी बढक़र 1096 मिलियन लीटर सालाना हो गई है जो ऑर्गेनाइज्ड पेंट सेक्टर की कुल कैपेसिटी की 21' है। ग्रासिम का कहना है कि 2027-28 तक उसके पेंट बिजनेस की रेवेन्यू का 10,000 करोड़ रुपए का टार्गेट रखा गया है। बिड़ला ओपस ने हाई सिंगल डिजिट मार्केट शेयर का टार्गेट तो हासिल कर लिया है व अब यह 2025-26 में डबल डिजिट मार्केट शेयर को टार्गेट कर रही है। इसके अलावा जेएसडब्ल्यू पेंट्स द्वारा एक्जो नोबल के अधिग्रहण से पेंट सेक्टर में कंपिटिशन और बढऩे की आशंका है। पेंट सेक्टर में डीलर्स के मुताबिक कुछ केटेगरीज में ग्रासिम ने प्रोडक्ट्स की प्राइस 5-10' नीचे रखी है। ऐसे में पहले से कारोबार कर रही कंपनियों को भी प्रोडक्ट प्राइस को बदलना पड़ेगा। पेंट कंपनियों ने 2025-25 में प्रोडक्ट प्राइस में 5-12' की कटौती की थी व 2025-26 में और कटौती देखने को मिल सकती है। कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक पेंट सेक्टर की प्रोफिटेबिलिटी 2026-27 तक दबाव में रह सकती है।