अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेन्सिल्वेनिया के स्टील कर्मियों से कहा कि वह उनके उद्योग की रक्षा के लिए स्टील इंपोर्ट पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर रहे हैं। यह एक नाटकीय वृद्धि है, जो हाउसिंग, ऑटोमोबाइल और अन्य सामान बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली कमोडिटीज की कीमतों को और बढ़ा सकती है। बाद में सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि एल्युमीनियम शुल्क को भी दोगुना करके 50 प्रतिशत किया जाएगा, और दोनों शुल्क बढ़ोतरी इस बुधवार से लागू होंगी। शुल्क के बारे में, ट्रंप ने कहा कि इंपोर्टेड स्टील पर शुल्क दोगुना करने से ‘अमेरिका में स्टील उद्योग और भी सुरक्षित हो जाएगा।’ लेकिन इतनी नाटकीय वृद्धि कीमतों को और भी अधिक बढ़ा सकती है। सरकार के उत्पादक मूल्य सूचकांक के अनुसार, जनवरी के मध्य में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से स्टील की कीमतों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अनुसार, मार्च 2025 तक, अमेरिका में स्टील की कीमत 984 डॉलर प्रति टन होगी, जो यूरोप (690 डॉलर) या चीन (392 डॉलर) की कीमत से काफी अधिक है। अमेरिका ने पिछले वर्ष इंपोर्ट की तुलना में लगभग तीन गुना स्टील का उत्पादन किया। इंपोर्ट मुख्य रूप से कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको और दक्षिण कोरिया से किया गया। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में शुल्क ने घरेलू स्टील उद्योग को मज़बूत करने में मदद की, जिसका फायदा निप्पॉन स्टील, यूएस स्टील को खरीदकर उठाना चाहती थी। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका में दोगुना इंपोर्ट शुल्क लगाने की राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा पर कहा कि इससे इंडियन एक्सपोर्टर्स प्रभावित होंगे क्योंकि इससे उनकी लाभप्रदता प्रभावित होगी। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ये एक्सपोर्ट अब तेजी से बढ़ते अमेरिकी शुल्क से प्रभावित होंगे, जिससे इंडियन मेन्यूफेक्चरर्स और एक्सपोर्टर्स की प्रोफेटेबिलिटी को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, ट्रंप द्वारा शुल्क को दोगुना करने के बाद, यह देखना बाकी है कि क्या भारत एक महीने के भीतर कुछ अमेरिकी निर्यात पर शुल्क बढ़ाकर जवाबी कार्रवाई करेगा। भारत ने पहले ही विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक औपचारिक नोटिस दिया है, जिसमें उसने स्टील पर पहले लगाए गए शुल्क के जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाने के अपने इरादे का संकेत दिया है।