बिजनस सेंटिमेंट के एक बड़े इंडिकेटर के रूप में भारत ने ट्रेडमार्क फाइलिंग में ग्लोबल लेवल पर तीसरा स्थान हासिल किया। वर्ष 2024 में लगभग 5.4 लाख नए ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल किए गए और भारत ने अमेरिका के साथ अपने गैप को कम कर लिया है। अमेरिका में वर्ष 24 में 5.7 लाख ट्रेडमार्क आवेदन किए गए और इस तरह से यह ग्लोबल रैंकिंग में दूसरे पायदान पर रहा। चीन 68 लाख ट्रेडमार्क फाइलिंग के साथ इस मामले में भी लीडर बना हुआ है हालांकि पिछले तीन वर्ष में चीन में ट्रेडमार्क एक्टिविटी घटी है। मार्केट इंटेलीजेंस फर्म क्लारिवेट के डेटा के अनुसार भारत में 9.3 परसेंट की ग्रोथ हुई। इससे पता चलता है कि इंडियन के लोकल वेंचर्स में ब्रांड और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की वैल्यू को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। इससे बिजनस सेंटिमेंट और इंवेस्टमेंट की मजबूती का भी संकेत मिलता है। पिछले एक दशक में यूएसपीटीओ के अनुसार ट्रेडमार्क फाइलिंग में औसतन 5 परसेंट की ग्रोथ हुई है जबकि भारतीय ट्रेडमार्क कार्यालय में औसत वार्षिक ग्रोथ 10 परसेंट रही। माना जा रहा है भारत और अमेरिका के बीच ट्रेडमार्क फाइलिंग का अंतर वर्ष 2025 या 2026 में खत्म हो जाएगा। दवा कंपनी एल्केम लैब्स ने 1 जनवरी, 2025 तक 4,931 ट्रेडमार्क रजिस्टर किए इस तरह यह भारत में सबसे ज्यादा ट्रेडमार्क रजिस्टर करने वाली कंपनी रही। इसके बाद आईटीसी 4,923 ट्रेडमार्क फाइलिंग के साथ दूसरे पायदान पर रही।
