TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

07-06-2025

के-ब्यूटी ने अमेरिका में ग्रोथ की गाड़ी पकड़ी

  •  अमेरिका के ऑनलाइन मार्केट में बंपर फसल काटने के बाद साउथ कोरिया के कॉस्मेटिक स्टार्टअप्स अब दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट में रिटेल फॉर्मेट में अपना दखल बढ़ा रहे हैं। हालांकि अमेरिका में ट्रंप टैरिफ का बोलबाल है लेकिन ये के-ब्यूटी स्टार्टअप अपनी लोकप्रियता से इतने उत्साहित हैं कि मानकर चल रहे हैं कि वे इसके असर को कुंद कर देंगे। टीरटीर, डी एल्बा, टॉरिडन और ब्यूटी ऑफ जोसॉन जैसे ब्रांड्स अमेरिका के बड़े रिटेलर के साथ डील कट करने में लगे हैं। इससे उन्हें शैल्फ स्पेस मिलेगा, ब्रांड विजिबिलिटी मिलेगी और सेल्स भी। कोरियन ब्यूटी इंडस्ट्री को के-ब्यूटी कहा जाता है। पिछले डेढ़ दशक में इन्होंने क्वॉलिटी, प्राइस और धारदार मार्केटिंग के दम पर ग्लोबल मार्केट प्लेस पर झंडा गाड़ रखा है। के-पॉप, के-फिल्म्स, के-ड्रामा और के-फूड की कामयाबी से कामयाबी का तगड़ा जरिया मिला हुआ है। टीरटीर के सीईओ अन ब्युंग-जून ने कहा के-कल्चर यानी साई, बीटीएस और कोरियाई ड्रामा और फिल्में जैसे पैरासाइट उनके लिए आगे बढऩे का रास्ता साफ कर रही हैं। के-ब्यूटी को अमेरिका में टॉप क्वॉलिटी और अमेरिकन व यूरोपियन लक्जरी ब्रांड्स के कम प्राइस के लिए जाना जाता है। टीरटीर के पिछले साल आए टैन स्किन यानी सांवली त्वचा के लिए कुशन फाउंडेशन शेड्स ने सोशियल मीडिया पर जैसे तहलका ही मचा दिया। अन कहते हैं कि यह फाउंडेशन शेड्स जल्दी ही अमेरिका अन ने बताया कि यह उत्पाद इस गर्मी में अल्टा ब्यूटी के स्टोरर्स पर मिलने लगेगा। कंपनी का टार्गेट इसी साल अमेरिका में अपनी सेल्स को दोगुना करना है। सेफोरा, अल्टा ब्यूटी, कॉस्टको और टारगेट जैसे अमेरिकी रिटेलर भी कोरियन कॉस्मेटिक ब्रांड्स को रोलआउट करना चाहते हैं। इन रिटेलर्स का मानना है कि के-ब्यूटी हाई मार्जिन प्रॉडक्ट्स हैं और इनसे उन्हें ट्रंप टैरिफ से बचाव में मदद मिलेगी। कई कंपनियां कॉस्मेक्स और कोलमार जैसे कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को प्रॉडक्शन आउटसोर्स करती हैं। इन कंपनियों को फास्ट ब्यूटी का फॉक्सकॉन। इससे प्रॉडक्शन कॉस्ट घटाने में भी मदद मिलती है। वर्ष 2024 में साउथ कोरिया जर्मनी को पछाड़ते हुए फ्रांस और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कॉस्मेटिक्स एक्सपोर्टर बन गया। कोरिया में करीब 13 बिलियन डॉलर के कॉस्मेटिक्स का उत्पादन होता है और इसका 80 परसेंट एक्सपोर्ट होता है। और एक्सपोर्ट में सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर ई-कॉमर्स है। साउथ कोरिया की बड़ी ब्यूटी रिटेलर ओलिव यंग इस साल लॉस एंजलिस में अपना पहला अमेरिकी स्टोर खोलने के प्लान पर काम कर रही हैंं। चीन के-ब्यूटी का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है। लेकिन फिलहाल यह क्राइसिस में है इसलिए कोरियाई ब्रांड्स अमेरिका पर दांव बढ़ा रहे हैं।  यूरोमॉनिटर डेटा के मुताबिक अमेरिका में टॉप 5 कोरियाई ब्रांड्स ब्यूटी ऑफ जोसॉन, मेडिक्यूब और बायोडांस शामिल हैं की ऑनलाइन सेल्स में पिछले दो वर्ष में औसत 71 परसेंट की ग्रोथ हुई है। जबकि इस दौरान अमेरिका के कॉस्मेटिक्स मार्केेट की कुल ग्रोथ केवल 21 परसेंट रही। इसी तरह टॉप5 फ्रेंच ब्रांड्स की ग्रोथ केवल 15 परसेंट रही।

Share
के-ब्यूटी ने अमेरिका में ग्रोथ की गाड़ी पकड़ी

 अमेरिका के ऑनलाइन मार्केट में बंपर फसल काटने के बाद साउथ कोरिया के कॉस्मेटिक स्टार्टअप्स अब दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट में रिटेल फॉर्मेट में अपना दखल बढ़ा रहे हैं। हालांकि अमेरिका में ट्रंप टैरिफ का बोलबाल है लेकिन ये के-ब्यूटी स्टार्टअप अपनी लोकप्रियता से इतने उत्साहित हैं कि मानकर चल रहे हैं कि वे इसके असर को कुंद कर देंगे। टीरटीर, डी एल्बा, टॉरिडन और ब्यूटी ऑफ जोसॉन जैसे ब्रांड्स अमेरिका के बड़े रिटेलर के साथ डील कट करने में लगे हैं। इससे उन्हें शैल्फ स्पेस मिलेगा, ब्रांड विजिबिलिटी मिलेगी और सेल्स भी। कोरियन ब्यूटी इंडस्ट्री को के-ब्यूटी कहा जाता है। पिछले डेढ़ दशक में इन्होंने क्वॉलिटी, प्राइस और धारदार मार्केटिंग के दम पर ग्लोबल मार्केट प्लेस पर झंडा गाड़ रखा है। के-पॉप, के-फिल्म्स, के-ड्रामा और के-फूड की कामयाबी से कामयाबी का तगड़ा जरिया मिला हुआ है। टीरटीर के सीईओ अन ब्युंग-जून ने कहा के-कल्चर यानी साई, बीटीएस और कोरियाई ड्रामा और फिल्में जैसे पैरासाइट उनके लिए आगे बढऩे का रास्ता साफ कर रही हैं। के-ब्यूटी को अमेरिका में टॉप क्वॉलिटी और अमेरिकन व यूरोपियन लक्जरी ब्रांड्स के कम प्राइस के लिए जाना जाता है। टीरटीर के पिछले साल आए टैन स्किन यानी सांवली त्वचा के लिए कुशन फाउंडेशन शेड्स ने सोशियल मीडिया पर जैसे तहलका ही मचा दिया। अन कहते हैं कि यह फाउंडेशन शेड्स जल्दी ही अमेरिका अन ने बताया कि यह उत्पाद इस गर्मी में अल्टा ब्यूटी के स्टोरर्स पर मिलने लगेगा। कंपनी का टार्गेट इसी साल अमेरिका में अपनी सेल्स को दोगुना करना है। सेफोरा, अल्टा ब्यूटी, कॉस्टको और टारगेट जैसे अमेरिकी रिटेलर भी कोरियन कॉस्मेटिक ब्रांड्स को रोलआउट करना चाहते हैं। इन रिटेलर्स का मानना है कि के-ब्यूटी हाई मार्जिन प्रॉडक्ट्स हैं और इनसे उन्हें ट्रंप टैरिफ से बचाव में मदद मिलेगी। कई कंपनियां कॉस्मेक्स और कोलमार जैसे कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को प्रॉडक्शन आउटसोर्स करती हैं। इन कंपनियों को फास्ट ब्यूटी का फॉक्सकॉन। इससे प्रॉडक्शन कॉस्ट घटाने में भी मदद मिलती है। वर्ष 2024 में साउथ कोरिया जर्मनी को पछाड़ते हुए फ्रांस और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कॉस्मेटिक्स एक्सपोर्टर बन गया। कोरिया में करीब 13 बिलियन डॉलर के कॉस्मेटिक्स का उत्पादन होता है और इसका 80 परसेंट एक्सपोर्ट होता है। और एक्सपोर्ट में सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर ई-कॉमर्स है। साउथ कोरिया की बड़ी ब्यूटी रिटेलर ओलिव यंग इस साल लॉस एंजलिस में अपना पहला अमेरिकी स्टोर खोलने के प्लान पर काम कर रही हैंं। चीन के-ब्यूटी का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है। लेकिन फिलहाल यह क्राइसिस में है इसलिए कोरियाई ब्रांड्स अमेरिका पर दांव बढ़ा रहे हैं।  यूरोमॉनिटर डेटा के मुताबिक अमेरिका में टॉप 5 कोरियाई ब्रांड्स ब्यूटी ऑफ जोसॉन, मेडिक्यूब और बायोडांस शामिल हैं की ऑनलाइन सेल्स में पिछले दो वर्ष में औसत 71 परसेंट की ग्रोथ हुई है। जबकि इस दौरान अमेरिका के कॉस्मेटिक्स मार्केेट की कुल ग्रोथ केवल 21 परसेंट रही। इसी तरह टॉप5 फ्रेंच ब्रांड्स की ग्रोथ केवल 15 परसेंट रही।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news