TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

11-06-2025

चीन में कस्टमर की हो गई चांदी

  •  ड्रेगन के देश में बड़ा गजब खेल चल रहा है। एक्जेक्टिव्स की सैलरी घट रही है और प्रॉपर्टी प्राइस में बड़ा फॉल है। यानी इकोनॉमी लाख कोशिशों के बावजूद क्राइसिस के दलदल में फंसी हुई है। बात सिर्फ प्रॉपर्टी की नहीं है चीन में अमूमन सभी प्रॉडक्ट्स डीफ्लेशन से गुजर रहे हैं। डीफ्लेशन यानी प्रॉडक्ट प्राइस घटना और इसमें लक्जरी ब्रांड्स भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट कहती है कि कोच का लक्जरी बैग अब 30 डॉलर यानी करीब 2500 रुपये में ही मिल जाएगा। एनर्जी सैक्टर में काम करने वाली मैंडी ली कहती हैं अब वो केवल सेकंड हैंड बैग ही खरीदती हैं। मैं अब बड़े खर्चे कम कर रही हूं। इकोनॉमी संकट में है। फैमिली असैट्स की वैल्यू घट गई है। डीफ्लेशन के साथ ही कंज्यूमर बिहेवियर भी बदल रहा है। प्रॉडक्ट प्राइस और घटने की आशंका बढ़ रही है। जिससे यह ब्रांड ओनर और चीन के पॉलिसी मेकर्स के लिए नया चैलेंज खड़ा हो गया है। मई में कंज्यूमर प्राइस में 0.1 परसेंट की कमी आई। ऑटो, ई-कॉमर्स, कॉफी जैसे सैक्टर जिन्होंने चीन को ग्लोबल पावरहाउस बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी —में प्राइस का कत्ले-आम चल रहा है। मार्केट में ओवरसप्लाई है लेकिन डिमांड बहुत स्लो है जिससे कंपीटिशन बहुत बढ़ गया है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के रिसर्च नोट के अनुसार ओवरकैपेसिटी के कारण चीन इस वर्ष और अगले वर्ष डिफ्लेशन में बना रहेगा। नए बिजनस अब बजट कस्टमर को टारगेट कर रहे हैं—जैसे कि 3 युआन (35 रुपये) के ब्रेकफास्ट और दिन में चार बार फ्लैश सेल चलाने वाले सुपरमार्केट। लेकिन इकोनॉमिस्ट्स को लगता है कि ऐसा कब तक चलेगा। मैन्युफैक्चरर और बिजनस और ब्रांड ओनर को लगता है यह ट्रेंड वायबल नहीं है और नुकसान झेलने की भी एक कैपेसिटी है। इसके बाद बड़ी तादाद में बिजनस बंद होने का ट्रेंड शुरू होगा। ऐसा हुआ तो करोड़ों लोगों के जॉब्स जाएंगे, कंज्यूमर डिमांड खत्म हो जाएगी जिससे डीफ्लेशन यानी प्रॉडक्ट प्राइस और घटेंगे। जियान कंसल्टिंग की इंडस्ट्री रिपोर्ट कहती है कि कोविड के बाद से चीन में सेकंड हैंड लक्जरी मार्केट में तेज ग्रोथ हुई है। वर्ष 2023 में इसकी ग्रोथ 20 से ज्यादा थी। सुपर झुआनझुआन जैसे स्टोर अब अपने प्रॉडक्ट्स बेस प्राइस से 90 परसेंट तक डिस्काउंट पर बेच रहे हैं। पहले अमूमन 30-40 परसेंट डिस्काउंट होता था। एक रिसर्च फर्म के एनेलिस्ट लिसा झांग कहते हैं कि क्राइसिस के कारण लक्जरी कस्टमर सेकंड हैंड मार्केट की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।  वहां भी कंपीटिशन बहुत बढ़ गया है इसलिए डिस्काउंट वॉर सा चल रहा है। सुपर झुआनझुआन स्टोर पर लक्जरी ब्रांड कोच का जो ग्रीन क्रिस्टी कैरीऑल हैंडबैग 46 हजार रुपये में बिकता था अब 2,500 रुपये में मिल रहा है। ऐसे ही गिवेंची जी क्यूब नेकलेस जो 25 हजार रुपये का था अब केवल 2200 रुपये में बिक रहा है। कारण...हर साल बेचने वालों की संख्या में लगभग 20 परसेंट बढ़ रही है लेकिन बायर्स बढ़ नहीं रहे हैं।

Share
चीन में कस्टमर की हो गई चांदी

 ड्रेगन के देश में बड़ा गजब खेल चल रहा है। एक्जेक्टिव्स की सैलरी घट रही है और प्रॉपर्टी प्राइस में बड़ा फॉल है। यानी इकोनॉमी लाख कोशिशों के बावजूद क्राइसिस के दलदल में फंसी हुई है। बात सिर्फ प्रॉपर्टी की नहीं है चीन में अमूमन सभी प्रॉडक्ट्स डीफ्लेशन से गुजर रहे हैं। डीफ्लेशन यानी प्रॉडक्ट प्राइस घटना और इसमें लक्जरी ब्रांड्स भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट कहती है कि कोच का लक्जरी बैग अब 30 डॉलर यानी करीब 2500 रुपये में ही मिल जाएगा। एनर्जी सैक्टर में काम करने वाली मैंडी ली कहती हैं अब वो केवल सेकंड हैंड बैग ही खरीदती हैं। मैं अब बड़े खर्चे कम कर रही हूं। इकोनॉमी संकट में है। फैमिली असैट्स की वैल्यू घट गई है। डीफ्लेशन के साथ ही कंज्यूमर बिहेवियर भी बदल रहा है। प्रॉडक्ट प्राइस और घटने की आशंका बढ़ रही है। जिससे यह ब्रांड ओनर और चीन के पॉलिसी मेकर्स के लिए नया चैलेंज खड़ा हो गया है। मई में कंज्यूमर प्राइस में 0.1 परसेंट की कमी आई। ऑटो, ई-कॉमर्स, कॉफी जैसे सैक्टर जिन्होंने चीन को ग्लोबल पावरहाउस बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी —में प्राइस का कत्ले-आम चल रहा है। मार्केट में ओवरसप्लाई है लेकिन डिमांड बहुत स्लो है जिससे कंपीटिशन बहुत बढ़ गया है। कैपिटल इकोनॉमिक्स के रिसर्च नोट के अनुसार ओवरकैपेसिटी के कारण चीन इस वर्ष और अगले वर्ष डिफ्लेशन में बना रहेगा। नए बिजनस अब बजट कस्टमर को टारगेट कर रहे हैं—जैसे कि 3 युआन (35 रुपये) के ब्रेकफास्ट और दिन में चार बार फ्लैश सेल चलाने वाले सुपरमार्केट। लेकिन इकोनॉमिस्ट्स को लगता है कि ऐसा कब तक चलेगा। मैन्युफैक्चरर और बिजनस और ब्रांड ओनर को लगता है यह ट्रेंड वायबल नहीं है और नुकसान झेलने की भी एक कैपेसिटी है। इसके बाद बड़ी तादाद में बिजनस बंद होने का ट्रेंड शुरू होगा। ऐसा हुआ तो करोड़ों लोगों के जॉब्स जाएंगे, कंज्यूमर डिमांड खत्म हो जाएगी जिससे डीफ्लेशन यानी प्रॉडक्ट प्राइस और घटेंगे। जियान कंसल्टिंग की इंडस्ट्री रिपोर्ट कहती है कि कोविड के बाद से चीन में सेकंड हैंड लक्जरी मार्केट में तेज ग्रोथ हुई है। वर्ष 2023 में इसकी ग्रोथ 20 से ज्यादा थी। सुपर झुआनझुआन जैसे स्टोर अब अपने प्रॉडक्ट्स बेस प्राइस से 90 परसेंट तक डिस्काउंट पर बेच रहे हैं। पहले अमूमन 30-40 परसेंट डिस्काउंट होता था। एक रिसर्च फर्म के एनेलिस्ट लिसा झांग कहते हैं कि क्राइसिस के कारण लक्जरी कस्टमर सेकंड हैंड मार्केट की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।  वहां भी कंपीटिशन बहुत बढ़ गया है इसलिए डिस्काउंट वॉर सा चल रहा है। सुपर झुआनझुआन स्टोर पर लक्जरी ब्रांड कोच का जो ग्रीन क्रिस्टी कैरीऑल हैंडबैग 46 हजार रुपये में बिकता था अब 2,500 रुपये में मिल रहा है। ऐसे ही गिवेंची जी क्यूब नेकलेस जो 25 हजार रुपये का था अब केवल 2200 रुपये में बिक रहा है। कारण...हर साल बेचने वालों की संख्या में लगभग 20 परसेंट बढ़ रही है लेकिन बायर्स बढ़ नहीं रहे हैं।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news