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02-06-2025

अब आसान नहीं होगा वॉकी-टॉकी बेचना

  •  भारत सरकार ने वॉकी-टॉकी की नई गाइडलाइंस जारी की है। इसके चलते ओमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो, जियोमार्ट, मेटा और चिमिया जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस ने अवैध लिस्टिंग और सेल्स को कंट्रोल के लिए बनाए गए नियमों को देखते हुए इन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। सीसीपीए (सेंट्रल कंज्यूमर प्रॉटेक्शन अथॉरिटी) की गाइडलाइंस का मकसद रेडियो उपकरणों की गैर-कानूनी ऑनलाइन सेल्स को कंट्रोल करना है। सीसीपीए का मानना है इससे देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और कंज्यूमर को गुमराह किया जा सकता है और कानून और आपातकालीन सेवाओं के कम्यूनिकेशन सिस्टम में सेंधमारी भी हो सकती है। सीसीपीए ने ये गाइडलाइंस दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद जारी की हैं। दरअसल सरकार के सामने ऐसे कई मामले आए थे जिनमें ऐसे वॉकी-टॉकी ऑनलाइन बेचे जा रहे थे जिनमें कानून की कंप्लायंस का जरूरी डिस्क्लेमर नहीं था। अक्सर, लिस्टिंग में यह भी नहीं बताया जाता कि यह किस फ्रिक्वेंसी कर काम करता है। ना ही यह बताया जाता कि डिवाइस को वायरलेस ऑपरेटिंग लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं। ऐसे में कस्टमर गुमराह हो जाते हैं और यह मान बैठते हैं कि यह डिवाइस फ्री टू यूज है। नई गाइडलाइंस में केवल उन वॉकी-टॉकी को ही बेचने की अनुमति होगी जो तयशुदा फ्रिक्वेंसी बैंड में काम करती हैं। साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को यह सत्यापित करना होगा कि प्रॉडक्ट और सैलर जरूरी लाइसेंसिंग नियमों का पालन करते हैं। सीसीपीए इससे पहले नॉन कंप्लायंस के कारण प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 16,970 उत्पाद लिस्टिंग को कवर करते हुए 13 नोटिस जारी किए थे। 

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अब आसान नहीं होगा वॉकी-टॉकी बेचना

 भारत सरकार ने वॉकी-टॉकी की नई गाइडलाइंस जारी की है। इसके चलते ओमेजन, फ्लिपकार्ट, मीशो, जियोमार्ट, मेटा और चिमिया जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस ने अवैध लिस्टिंग और सेल्स को कंट्रोल के लिए बनाए गए नियमों को देखते हुए इन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। सीसीपीए (सेंट्रल कंज्यूमर प्रॉटेक्शन अथॉरिटी) की गाइडलाइंस का मकसद रेडियो उपकरणों की गैर-कानूनी ऑनलाइन सेल्स को कंट्रोल करना है। सीसीपीए का मानना है इससे देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है और कंज्यूमर को गुमराह किया जा सकता है और कानून और आपातकालीन सेवाओं के कम्यूनिकेशन सिस्टम में सेंधमारी भी हो सकती है। सीसीपीए ने ये गाइडलाइंस दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद जारी की हैं। दरअसल सरकार के सामने ऐसे कई मामले आए थे जिनमें ऐसे वॉकी-टॉकी ऑनलाइन बेचे जा रहे थे जिनमें कानून की कंप्लायंस का जरूरी डिस्क्लेमर नहीं था। अक्सर, लिस्टिंग में यह भी नहीं बताया जाता कि यह किस फ्रिक्वेंसी कर काम करता है। ना ही यह बताया जाता कि डिवाइस को वायरलेस ऑपरेटिंग लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं। ऐसे में कस्टमर गुमराह हो जाते हैं और यह मान बैठते हैं कि यह डिवाइस फ्री टू यूज है। नई गाइडलाइंस में केवल उन वॉकी-टॉकी को ही बेचने की अनुमति होगी जो तयशुदा फ्रिक्वेंसी बैंड में काम करती हैं। साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को यह सत्यापित करना होगा कि प्रॉडक्ट और सैलर जरूरी लाइसेंसिंग नियमों का पालन करते हैं। सीसीपीए इससे पहले नॉन कंप्लायंस के कारण प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 16,970 उत्पाद लिस्टिंग को कवर करते हुए 13 नोटिस जारी किए थे। 


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