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20-06-2025

भारत ने मिलिनेयर की बंपर क्रॉप

  •  स्विस इंवेस्टमेंट बैंक यूबीएस की लेटेस्ट ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डॉलर मिलिनेयर की संख्या 2024 में 4.4 परसेंट ग्रोथ के साथ 39 बढ़ गई। इस मामले में भारत तुर्की, यूएई और रूस के बाद चौथे स्थान पर आता है। पिछली गिनती के अनुसार भारत में कुल 9,17,000 मिलिनेयर थे, जो ब्राजील, रूस और साउथ अफ्रीका जैसे मिडल इनकम देशों से ज्यादा है। चीन अब भी एक अपवाद है। इस मिडल इनकम देश में 63 लाख डॉलर मिलिनेयर हैं। ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट को 56 देशों के सैंपल के आधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यूएस और चीन का कुल वल्र्ड वेल्थ में आधा हिस्सा हैं। वहीं भारत का वल्र्ड वेल्थ में 3.4 परसेंट शेयर है। हालांकि एक ओर भारत में मिलिनेयर कम्यूनिटी बढ़ रही है दूसरी ओर इनइक्वॉलिटी यानी बढ़ती आर्थिक असमानता के लिए भी चिंता जताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार गिनी कोएफिशिएंट के लिहाज 2020 की शुरुआत से 2 पॉइंट की ग्रोथ के साथ भारत इनइक्वॉलिटी में बढऩे के मामले में पांचवे पायदान पर है। भारत से ज्यादा आर्थिक असमानता नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, कजाख़स्तान और चीन में है। पिछले 5 साल के डेटा के अनुसार भारत औसत आय में ग्रोथ के मामले में सबसे नीचे के छह देशों में शामिल है। औसत आय में सबसे कम ग्रोथ वाले अन्य देशों में कतर, नीदरलैंड्स, इटली, ऑस्ट्रिया और मेक्सिको शामिल हैं। 2024 में भारत इनइक्वॉलिटी के लिहाज से 56 देशों में 8वें स्थान पर था। इसमें भारत की स्थिति ब्राजील और रूस से बेहतर लेकिन चीन (17वें स्थान) से कमजोर है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में दुनिया में फाइनेंशियल वेल्थ में 6.2 परसेंट  की ग्रोथ हुई, जबकि नॉन-फाइनेंशियल वेल्थ सिर्फ  1.7 परसेंट ही बढ़ पाई। हालांकि इस दौरान पर्सनल डेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। रिपोर्ट के अनुसार शेयर आदि फाइनेंशियल असेट्स की प्राइस बढऩे से ज्यादा लोग मिलिनेयर बने। जिन देशों में लोगों के पास ज्यादा फाइनेंशियल असेट्स थे, वहां ज्यादा लोग अमीर बने। भारत इस चार्ट में नीचे है — जहां कुल पर्सनल वेल्थ का सिर्फ 20 परसेंट ही फाइनेंशियल असेट्स में लगा है। जबकि स्वीडन और इजराइल में यह आंकड़ा 80 परसेंट से ज्यादा है। यूएस, जापान, ब्राजील और सिंगापुर जैसे देशों में यह 60 परसेंट से ज्यादा है वहीं साउथ अफ्रीका 70 परसेंट से ज्यादा। पर्सनल डेट तुर्की, सऊदी अरब, मैक्सिको, इटली और स्पेन में बहुत कम है और भारत, यूएई, रूस और हांगकांग में भी यह 10 परसेंट से कम है। दूसरी ओर, फिनलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में यह वैल्यू 21 से 26 परसेंट के बीच है।

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भारत ने मिलिनेयर की बंपर क्रॉप

 स्विस इंवेस्टमेंट बैंक यूबीएस की लेटेस्ट ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डॉलर मिलिनेयर की संख्या 2024 में 4.4 परसेंट ग्रोथ के साथ 39 बढ़ गई। इस मामले में भारत तुर्की, यूएई और रूस के बाद चौथे स्थान पर आता है। पिछली गिनती के अनुसार भारत में कुल 9,17,000 मिलिनेयर थे, जो ब्राजील, रूस और साउथ अफ्रीका जैसे मिडल इनकम देशों से ज्यादा है। चीन अब भी एक अपवाद है। इस मिडल इनकम देश में 63 लाख डॉलर मिलिनेयर हैं। ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट को 56 देशों के सैंपल के आधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार यूएस और चीन का कुल वल्र्ड वेल्थ में आधा हिस्सा हैं। वहीं भारत का वल्र्ड वेल्थ में 3.4 परसेंट शेयर है। हालांकि एक ओर भारत में मिलिनेयर कम्यूनिटी बढ़ रही है दूसरी ओर इनइक्वॉलिटी यानी बढ़ती आर्थिक असमानता के लिए भी चिंता जताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार गिनी कोएफिशिएंट के लिहाज 2020 की शुरुआत से 2 पॉइंट की ग्रोथ के साथ भारत इनइक्वॉलिटी में बढऩे के मामले में पांचवे पायदान पर है। भारत से ज्यादा आर्थिक असमानता नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, कजाख़स्तान और चीन में है। पिछले 5 साल के डेटा के अनुसार भारत औसत आय में ग्रोथ के मामले में सबसे नीचे के छह देशों में शामिल है। औसत आय में सबसे कम ग्रोथ वाले अन्य देशों में कतर, नीदरलैंड्स, इटली, ऑस्ट्रिया और मेक्सिको शामिल हैं। 2024 में भारत इनइक्वॉलिटी के लिहाज से 56 देशों में 8वें स्थान पर था। इसमें भारत की स्थिति ब्राजील और रूस से बेहतर लेकिन चीन (17वें स्थान) से कमजोर है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में दुनिया में फाइनेंशियल वेल्थ में 6.2 परसेंट  की ग्रोथ हुई, जबकि नॉन-फाइनेंशियल वेल्थ सिर्फ  1.7 परसेंट ही बढ़ पाई। हालांकि इस दौरान पर्सनल डेट में कोई बदलाव नहीं हुआ। रिपोर्ट के अनुसार शेयर आदि फाइनेंशियल असेट्स की प्राइस बढऩे से ज्यादा लोग मिलिनेयर बने। जिन देशों में लोगों के पास ज्यादा फाइनेंशियल असेट्स थे, वहां ज्यादा लोग अमीर बने। भारत इस चार्ट में नीचे है — जहां कुल पर्सनल वेल्थ का सिर्फ 20 परसेंट ही फाइनेंशियल असेट्स में लगा है। जबकि स्वीडन और इजराइल में यह आंकड़ा 80 परसेंट से ज्यादा है। यूएस, जापान, ब्राजील और सिंगापुर जैसे देशों में यह 60 परसेंट से ज्यादा है वहीं साउथ अफ्रीका 70 परसेंट से ज्यादा। पर्सनल डेट तुर्की, सऊदी अरब, मैक्सिको, इटली और स्पेन में बहुत कम है और भारत, यूएई, रूस और हांगकांग में भी यह 10 परसेंट से कम है। दूसरी ओर, फिनलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में यह वैल्यू 21 से 26 परसेंट के बीच है।


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