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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

10-06-2025

जेन•ाी शॉपिंग ट्रेंड्स की ड्राइविंग सीट पर

  •  भारत को यंग इंडिया कहा जाता है। क्योंकि देश की 148 करोड़ की आबादी में 37.7 करोड़ तो अकेले जेन•ाी ही हैं। जेन•ाी यानी वे जिनका जनम 1996 से 2010 के बीच हुआ है। स्नैप इंक और बीसीजी की एक रिपोर्ट कहती है कि जेन•ाी की परचेजिंग पावर 2035 तक 2 ट्रिलियन यानी 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। अभी यह 850 बिलियन डॉलर यानी करीब है 70 लाख करोड़ रुपये है। यह तो बात हुई डायरेक्ट परचेज की। रिपोर्ट के अनुसार जेन•ाी 660 बिलियन यानी करीब 55 लाख करोड़ रुपये की परचेजिंग को भी सीधे इंफ्लूएंस कर रहे हैं। कह यह भी सकते हैं कि क्या प्रॉडक्ट खरीदना और कौनसा ब्रांड, कलर या डिजाइन लेना है यह भी जेन•ाी तय कर रहे हैं। द $2 ट्रिलियन अपॉर्चुनिटी: हाउ जेन•ाी इज शेपिंग द न्यू इंडिया नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेन•ाी यानी 12 से 27 लाख के आयुवर्ग के ये युवा कुल कंज्यूमर स्पेंड का 45 परसेंट ड्राइव कर रहे हैं जिसमें फैशन, फूड़ और एंटरनेटमेंट कैटेगरी शामिल हैं। विशेष रूप से फुटवीयर कैटेगरी में 50 परसेंट, फूड़ में 48 परसेंट, घर से बाहर मनोरंजन खर्च में 48 और फैशन एंड लाइफस्टाइल खर्च में 47 परसेंट का योगदान दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि चार जेन•ाी में से 1 यानी 25 परसेंट जेन•ाी पहले से ही खुद का खा कमा रहे हैं। अनुमान है कि 2025 के आखिर तक 50 परसेंट जेन•ाी वर्कफोर्स में शामिल हो चुके होंगे। उनकी डायरेक्ट परचेजिंग पावर वर्तमान में लगभग 200 बिलियन डॉलर है, जबकि 660 बिलियन डॉलर के खर्च में उनका इंफ्लूएंस होता है। 2035 तक जेन•ाी का डायरेक्ट खर्च 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसका सीधा अर्थ है कि कुल कंज्यूमर स्पेंड में जेन•ाी का शेयर 50 परसेंट को पार कर जाएगा। रिपोर्ट में परसेप्शन और एक्शन के बीच एक एक महत्वपूर्ण संबंध को उजागर  किया गया है। हालांकि 45 परसेंट बिजनेस जेन•ाी की क्षमता को पहचानते हैं, लेकिन केवल 15 परसेंट ने ही इस पावरफुल मार्केट फोर्स को अपने एक्शन प्लान में शामिल किया है। 70 परसेंट बिजनस ओनर्स यह स्वीकार करते हैं कि उनके परिवार और रिश्तेदारों में 70 परसेंट परचेजिंग के फैसले जेन•ाी ही ले रहे हैं या  कम से कम फैसलों को इफ्लूएंस कर रहे हैं। जेन•ाी विजुअल कॉन्टेंट पर ज्यादा भरोसा कर रहा है और लगभग 80 परसेंट जेन•ाी बात करने, आपस में जुडऩे के लिए इमेज और वीडियो जैसे इमर्सिव कॉन्टेंट पर ज्यादा निर्भर है। ये शॉपिंग एक्सपीरियंस को फोटो और वीडियो कॉल के जरिए शेयर करते हैं।

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जेन•ाी शॉपिंग ट्रेंड्स की ड्राइविंग सीट पर

 भारत को यंग इंडिया कहा जाता है। क्योंकि देश की 148 करोड़ की आबादी में 37.7 करोड़ तो अकेले जेन•ाी ही हैं। जेन•ाी यानी वे जिनका जनम 1996 से 2010 के बीच हुआ है। स्नैप इंक और बीसीजी की एक रिपोर्ट कहती है कि जेन•ाी की परचेजिंग पावर 2035 तक 2 ट्रिलियन यानी 170 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। अभी यह 850 बिलियन डॉलर यानी करीब है 70 लाख करोड़ रुपये है। यह तो बात हुई डायरेक्ट परचेज की। रिपोर्ट के अनुसार जेन•ाी 660 बिलियन यानी करीब 55 लाख करोड़ रुपये की परचेजिंग को भी सीधे इंफ्लूएंस कर रहे हैं। कह यह भी सकते हैं कि क्या प्रॉडक्ट खरीदना और कौनसा ब्रांड, कलर या डिजाइन लेना है यह भी जेन•ाी तय कर रहे हैं। द $2 ट्रिलियन अपॉर्चुनिटी: हाउ जेन•ाी इज शेपिंग द न्यू इंडिया नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेन•ाी यानी 12 से 27 लाख के आयुवर्ग के ये युवा कुल कंज्यूमर स्पेंड का 45 परसेंट ड्राइव कर रहे हैं जिसमें फैशन, फूड़ और एंटरनेटमेंट कैटेगरी शामिल हैं। विशेष रूप से फुटवीयर कैटेगरी में 50 परसेंट, फूड़ में 48 परसेंट, घर से बाहर मनोरंजन खर्च में 48 और फैशन एंड लाइफस्टाइल खर्च में 47 परसेंट का योगदान दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि चार जेन•ाी में से 1 यानी 25 परसेंट जेन•ाी पहले से ही खुद का खा कमा रहे हैं। अनुमान है कि 2025 के आखिर तक 50 परसेंट जेन•ाी वर्कफोर्स में शामिल हो चुके होंगे। उनकी डायरेक्ट परचेजिंग पावर वर्तमान में लगभग 200 बिलियन डॉलर है, जबकि 660 बिलियन डॉलर के खर्च में उनका इंफ्लूएंस होता है। 2035 तक जेन•ाी का डायरेक्ट खर्च 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसका सीधा अर्थ है कि कुल कंज्यूमर स्पेंड में जेन•ाी का शेयर 50 परसेंट को पार कर जाएगा। रिपोर्ट में परसेप्शन और एक्शन के बीच एक एक महत्वपूर्ण संबंध को उजागर  किया गया है। हालांकि 45 परसेंट बिजनेस जेन•ाी की क्षमता को पहचानते हैं, लेकिन केवल 15 परसेंट ने ही इस पावरफुल मार्केट फोर्स को अपने एक्शन प्लान में शामिल किया है। 70 परसेंट बिजनस ओनर्स यह स्वीकार करते हैं कि उनके परिवार और रिश्तेदारों में 70 परसेंट परचेजिंग के फैसले जेन•ाी ही ले रहे हैं या  कम से कम फैसलों को इफ्लूएंस कर रहे हैं। जेन•ाी विजुअल कॉन्टेंट पर ज्यादा भरोसा कर रहा है और लगभग 80 परसेंट जेन•ाी बात करने, आपस में जुडऩे के लिए इमेज और वीडियो जैसे इमर्सिव कॉन्टेंट पर ज्यादा निर्भर है। ये शॉपिंग एक्सपीरियंस को फोटो और वीडियो कॉल के जरिए शेयर करते हैं।


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