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20-05-2025

कंज्यूमर डिमांड में चीन का कम नहीं हो रहा रिमांड

  •  ड्रेगन के देश चीन ने अमेरिका को झुका लिया और 90 दिन के लिए ट्रंप टैरिफ से राहत मिल गई। लेकिन चीन सरकार को सबसे बड़े चैलेंज से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा। पिछले 8 महीने में शी जिनपिंग की सरकार इकोनॉमी को रिवाइव करने के लिए 279 बिलियन डॉलर का स्टिमुलस पैकेज दे चुकी है जिसमें से 41 बिलियन डॉलर तो अकेले कंज्यूमर स्पेंडिंग बढ़ाने के लिए हैं। लेकिन लेटेस्ट डेटा के अनुसार अप्रैल में रिटेल सेल्स में केवल 5.1 परसेंट की ही ग्रोथ हो पाई जबकि सरकार का 5.5 परसेंट ग्रोथ का अनुमान था। मार्च में रिटेल सेल्स में 5.9 परसेंट ग्रोथ हुई थी। दूसरी ओर इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन मार्च में 7.1 परसेंट और अप्रैल में 6.1 परसेंट बढ़ा। इसका सीधा अर्थ है कि फैक्टरियां जितना प्रॉडक्शन कर रही हैं कंज्यूमर डिमांड  उतनी नहीं है। यानी कंपनियों के हाथ में सरप्लस स्टॉक है। ऐसे में अमेरिका के साथ हुआ सीजफायर चीन के लिए गुडन्यूज से कम नहीं है। वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में फिक्स्ड असैट्स (रियल एस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर) में इंवेस्टमेंट 4 परसेंट बढ़ा है। चीन के नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के अनुसार अप्रैल में चीन की रिटेल सेल्स स्लो पड़ गई यानी चीन के लिए चिंता कम नहीं हो रही है। टैरिफ वॉर छिड़ जाने के बावजूद अप्रैल में अर्बन जॉबलैस रेट मार्च के 5.2 परसेंट से घटकर 5.1 परसेंट रह गई। जबकि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलने की आशंका जताई जा रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प ने अप्रैल से चीन से इंपोर्ट पर 145 परसेंट टैरिफ लगा दिया था। वहीं पलटवार करते हुए चीन ने अमेरिकी इंपोर्ट पर 125 परसेंट टैरिफ ठोक दिया था। नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा कि चीन को अपने एक्सपोर्ट्स में विविधता लाने की जरूरत है। अमेरिका के साथ तनातना बढ़ जाने को देखते हुए अप्रैल में चीन ने आसियान के देशों को शिपमेंट बढ़ा दिए थे। अप्रैल में अमेरिका जाने वाले शिपमेंट 21 परसेंट गिरावट के साथ धाराशायी हो गए थे। कस्टम्स के डेटा के अनुसार वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में अमेरिका को चीन का एक्सपोर्ट 2.5 परसेंट गिर गया। फू ने कहा कि हालांकि टैरिफ वॉर थम जाने के कारण फिलहाल एक्सपोर्ट के मोर्चे पर राहत मिल सकती है लेकिन सबसे बड़ी चिंता लोकल डिमांड है। अप्रैल में देश में ऑटो सेल्स में फ्लेट ग्रोथ के साथ केवल 0.7 परसेंट ही बढ़ पाई। जबकि मार्च में ऑटो सेल्स 5.5 परसेंट बढ़ी थी। यह भी तब है जब सरकार कंज्यूमर एप्लायंस, ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन आदि की सेल्स बढ़ाने के लिए सब्सिडी दे रही है। मैक्वरी में चीन के चीफ इकोनॉमिस्ट लैरी हू के अनुसार देश के 70 बड़े शहरों में बने हुए घर की कीमतें पिछले नवंबर के बाद सबसे तेज गति से गिरीं। नोमुरा ने अप्रैल में मजबूत ग्रोथ डेटा के आधार पर जून तिमाही के लिए चीन की जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान को 3.7 परसेंट से बढ़ाकर 4.8 परसेंट कर दिया, जबकि पूरे वर्ष के लिए ग्रोथ के पूर्वानुमान को 3.5 परसेंट से बढ़ाकर 3.7 परसेंट कर दिया। हालांकि नोमुरा ने कहा कि शॉर्ट टर्म में रिकवरी की उम्मीद होने के बावजूद रियल एस्टेट में मंदी और ट्रंप टैरिफ के कारण चीन की इकोनॉमी पर दोहरी मार पडऩे का रिस्क बहुत हाई है। हालांकि चीन को फिलहाल 90 दिन के लिए ट्रंप टैरिफ से राहत मिल गई है इसके बावजूद चीन पर अमेरिका की टैरिफ दर 40 परसेंट पर बनी हुई है, जो बाइडन के दौर की 11 परसेंट से काफी ज्यादा है। मई की शुरुआत में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने सात-दिवसीय रिवर्स रेपो रेट को 1.5 से 1.4 परसेंट कर दिया है।

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कंज्यूमर डिमांड में चीन का कम नहीं हो रहा रिमांड

 ड्रेगन के देश चीन ने अमेरिका को झुका लिया और 90 दिन के लिए ट्रंप टैरिफ से राहत मिल गई। लेकिन चीन सरकार को सबसे बड़े चैलेंज से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा। पिछले 8 महीने में शी जिनपिंग की सरकार इकोनॉमी को रिवाइव करने के लिए 279 बिलियन डॉलर का स्टिमुलस पैकेज दे चुकी है जिसमें से 41 बिलियन डॉलर तो अकेले कंज्यूमर स्पेंडिंग बढ़ाने के लिए हैं। लेकिन लेटेस्ट डेटा के अनुसार अप्रैल में रिटेल सेल्स में केवल 5.1 परसेंट की ही ग्रोथ हो पाई जबकि सरकार का 5.5 परसेंट ग्रोथ का अनुमान था। मार्च में रिटेल सेल्स में 5.9 परसेंट ग्रोथ हुई थी। दूसरी ओर इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन मार्च में 7.1 परसेंट और अप्रैल में 6.1 परसेंट बढ़ा। इसका सीधा अर्थ है कि फैक्टरियां जितना प्रॉडक्शन कर रही हैं कंज्यूमर डिमांड  उतनी नहीं है। यानी कंपनियों के हाथ में सरप्लस स्टॉक है। ऐसे में अमेरिका के साथ हुआ सीजफायर चीन के लिए गुडन्यूज से कम नहीं है। वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में फिक्स्ड असैट्स (रियल एस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर) में इंवेस्टमेंट 4 परसेंट बढ़ा है। चीन के नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के अनुसार अप्रैल में चीन की रिटेल सेल्स स्लो पड़ गई यानी चीन के लिए चिंता कम नहीं हो रही है। टैरिफ वॉर छिड़ जाने के बावजूद अप्रैल में अर्बन जॉबलैस रेट मार्च के 5.2 परसेंट से घटकर 5.1 परसेंट रह गई। जबकि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलने की आशंका जताई जा रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प ने अप्रैल से चीन से इंपोर्ट पर 145 परसेंट टैरिफ लगा दिया था। वहीं पलटवार करते हुए चीन ने अमेरिकी इंपोर्ट पर 125 परसेंट टैरिफ ठोक दिया था। नेशनल स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा कि चीन को अपने एक्सपोर्ट्स में विविधता लाने की जरूरत है। अमेरिका के साथ तनातना बढ़ जाने को देखते हुए अप्रैल में चीन ने आसियान के देशों को शिपमेंट बढ़ा दिए थे। अप्रैल में अमेरिका जाने वाले शिपमेंट 21 परसेंट गिरावट के साथ धाराशायी हो गए थे। कस्टम्स के डेटा के अनुसार वर्ष 2025 के पहले चार महीनों में अमेरिका को चीन का एक्सपोर्ट 2.5 परसेंट गिर गया। फू ने कहा कि हालांकि टैरिफ वॉर थम जाने के कारण फिलहाल एक्सपोर्ट के मोर्चे पर राहत मिल सकती है लेकिन सबसे बड़ी चिंता लोकल डिमांड है। अप्रैल में देश में ऑटो सेल्स में फ्लेट ग्रोथ के साथ केवल 0.7 परसेंट ही बढ़ पाई। जबकि मार्च में ऑटो सेल्स 5.5 परसेंट बढ़ी थी। यह भी तब है जब सरकार कंज्यूमर एप्लायंस, ऑटोमोबाइल और स्मार्टफोन आदि की सेल्स बढ़ाने के लिए सब्सिडी दे रही है। मैक्वरी में चीन के चीफ इकोनॉमिस्ट लैरी हू के अनुसार देश के 70 बड़े शहरों में बने हुए घर की कीमतें पिछले नवंबर के बाद सबसे तेज गति से गिरीं। नोमुरा ने अप्रैल में मजबूत ग्रोथ डेटा के आधार पर जून तिमाही के लिए चीन की जीडीपी ग्रोथ के पूर्वानुमान को 3.7 परसेंट से बढ़ाकर 4.8 परसेंट कर दिया, जबकि पूरे वर्ष के लिए ग्रोथ के पूर्वानुमान को 3.5 परसेंट से बढ़ाकर 3.7 परसेंट कर दिया। हालांकि नोमुरा ने कहा कि शॉर्ट टर्म में रिकवरी की उम्मीद होने के बावजूद रियल एस्टेट में मंदी और ट्रंप टैरिफ के कारण चीन की इकोनॉमी पर दोहरी मार पडऩे का रिस्क बहुत हाई है। हालांकि चीन को फिलहाल 90 दिन के लिए ट्रंप टैरिफ से राहत मिल गई है इसके बावजूद चीन पर अमेरिका की टैरिफ दर 40 परसेंट पर बनी हुई है, जो बाइडन के दौर की 11 परसेंट से काफी ज्यादा है। मई की शुरुआत में पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने सात-दिवसीय रिवर्स रेपो रेट को 1.5 से 1.4 परसेंट कर दिया है।


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