फ्लश चलाया वैसे ही हो गया धमाका...। इतनी तेज लपट उठी कि 20 साल के आशु नागर का चेहरा और शरीर जल गया। डॉक्टरों ने कहा कि 35 परसेंट बर्न है। हालांकि अभी इस विस्फोट का कोई कारण पता नहीं चला है। आशु टॉयलेट में स्मार्टफोन भी यूज नहीं कर रहा था। एसी सहित घर से सभी एप्लायंस ठीक चल रहे हैं। माना जा रहा है कि ड्रेन पाइप में जाम लग जाने के कारण मीथेन गैस ब्लॉक हो गई। एक्सपर्ट्स के लिए गुत्थी यह है कि गैस ने आग कैसे पकड़ी। हो सकता है कि बिजली का स्विच ऑन या ऑफ करने से ऐसा हुआ हो। लेकिन नोइडा अथॉरिटी ने कहा है कि हमारा ड्रेनेज सिस्टम ठीक है। घर की इंटरनल पाइप फिटिंग में कहीं ब्लॉकेज होने के कारण ऐसा हो सकता है। इंजीनियर कहते हैं कि खराब मेंटीनेंस वाले अपार्टमेंट्स में बिजली का पुराना सिस्टम मीथेन जैसी गैसों से आग भडक़ा सकता है।