मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन— 2024 के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों में तेजी लाने के लिए एक समीक्षा बैठक ली। बैठक में पंत ने प्रमुख क्षेत्रों में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत अद्यतन जानकारी की समीक्षा की, प्राप्त लक्ष्यों पर प्रकाश डाला और जी.बी.सी. लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों की सराहना की। पंत ने विभाग के अधिकारियों को परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सुचारू कार्यान्वयन प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और निवेशकों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करने के भी निर्देश दिए। फॉलोअप बैठकों के महत्व पर जोर देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित बैठकें, निवेशकों के साथ फॉलोअप कार्यवाही और पारदर्शी प्रक्रिया बनाए रखने से समझौता ज्ञापनों का त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा और प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। पंत ने अधिकारियों को निवेशकों को रीको की प्रत्यक्ष भूमि आवंटन योजना से अवगत कराने के निर्देश दिए। यह योजना उन निवेशकों को आरक्षित मूल्य पर औद्योगिक भूखंड प्रदान करती है, जिन्होंने गत 27 अगस्त से पहले ‘राइजिंग राजस्थान’ के तहत राज्य के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रत्यक्ष भूमि आवंटन योजना और ई-नीलामी के चौथे चरण तक 1200 से अधिक भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। रीको की प्रत्यक्ष भूमि आवंटन योजना का पांचवां चरण 12 सितंबर को शुरू हुआ है और यह रीको द्वारा विकसित विभिन्न नए और मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों में निवेशकों को 6,000 से अधिक औद्योगिक भूखंड प्रदान करता है। गौरतलब है कि ‘राइजिंग राजस्थान’ वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन— 2024 के दौरान 35 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया था। निवेश शिखर सम्मेलन के बाद 9 महीनों में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के समझौता ज्ञापनों का शिलान्यास हो चुका है, जो हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों को शीघ्रता से क्रियान्वित करने के लिए राजस्थान सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार शीघ्र अनुमोदन प्रदान करके और समझौता ज्ञापन कार्यान्वयन की पूरी प्रक्रिया में तेजी लाकर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाकर उद्योगों के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत कर रही है।