औद्योगिक संगठनों ने वित्तमंत्री द्वारा घोषित जीएसटी सुधारों का स्वागत करते हुए इसे उद्योग, सेवा और खुदरा क्षेत्र के लिए सकारात्मक बताया है। निर्माण, घरेलू व्यापार और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यह कदम ऐतिहासिक माना गया है। जीएसटी स्लैब में बदलाव से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को नए ऑर्डर मिलेंगे। मार्बल ब्लॉक्स पर दर घटाना सराहनीय है, लेकिन स्लैब्स पर राहत न मिलने से उद्योग में निराशा है। संगठनों ने मांग की है कि भारतीय मार्बल और ग्रेनाइट स्लैब्स को भी 5 पर्सेंट की श्रेणी में लाया जाए। होटल उद्योग में 5 पर्सेंट जीएसटी दर स्वागत योग्य है, पर इनपुट टैक्स क्रेडिट न मिलने से लागत में कमी नहीं आ रही। इससे प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ेगा और व्यापार में आशानुकूल फायदा नहीं होगा। संगठनों ने सरकार से स्थानीय उद्योगों को बचाने और 'Make in India' को बढ़ावा देने की अपील की है। 22 सितम्बर से लागू होने वाले सरलीकृत स्लैब छोटे उद्योगों को नई शक्ति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देंगे। दिवाली से पहले यह सुधार देश के घरेलू बाजार को ट्रंप के टैरिफ का सामना करने के लिए तैयार करेगा।