मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान मसालों के उत्पादन और व्यापार का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही मसालों की समृद्ध परंपरा के लिए विश्व विख्यात है। उन्होंने कहा कि राज्य में मसाला कॉनक्लेव का आयोजन हमारे मसाला उद्योग को नई दिशा व गति प्रदान करेगा। शर्मा ने कार्यक्रम में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में अब हर वर्ष मसाला कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण एवं समृद्धि के लिए कई नीतियां लाई गई हैं। कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य में 1 हजार 497 कृषि आधारित औद्योगिक इकाइयों को लगभग 630 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। साथ ही, कृषि आधारित उद्योगों एवं प्रसंस्करण इकाइयों में राज्य में करीब 3 हजार 504 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। शर्मा राजस्थान मसाला कॉन्क्लेव-2025 में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में मसाला प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावनाएं है। राजस्थान जीरा उत्पादन में देश में पहले, मैथी एवं सौंफ उत्पादन में दूसरे और धनिया एवं अजवाइन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। राजस्थान में भी इस योजना के तहत आठ इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन इन्क्यूबेंशन सेंटर में कृषि उपज की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और ओडीओपी उपज के लिए प्रसंस्करण सुविधा मिल सकेगी, जिससे वे अपने प्रसंस्कृत उत्पादों को उचित मूल्य पर बाजार में बेच पाएंगे। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट से कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य में करीब 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि प्रसंस्करण एवं आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने और निवेशकों के प्रोत्साहन हेतु अगले साल की शुरुआत में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 148 लाख पात्र फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को 3 हजार 912 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है तथा खरीफ 2025 में करीब 163 लाख फसल बीमा पॉलिसी सृजित हो चुकी है।