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16-09-2025

आईटीआर पोर्टल पर आ रही दिक्कतों से टैक्स प्रोफेशनल्स परेशान

  •  आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग के इस सीजन में टैक्स प्रोफेशनल्स और करदाताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोटा टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए विष्णु गर्ग ने बताया कि आईटीआर पोर्टल पर लगातार तकनीकी खामियों के कारण टैक्स प्रोफेशनल्स पर काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर AIS और Form-26AS डाउनलोड करने में कठिनाई, ओटीपी वेरिफिकेशन में समस्या और स्लो सर्वर की वजह से रिटर्न भरने की प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। इसके चलते न केवल करदाताओं को दिक्कत हो रही है बल्कि टैक्स प्रोफेशनल्स भी समय सीमा को लेकर दबाव में हैं। पिछले वित्तीय वर्ष (आयकर वर्ष 2024-25) में कुल 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। इस वर्ष (आयकर वर्ष 2025-26) अब तक लगभग 6.69 करोड़ आईटीआर दाखिल हो चुके हैं। आईटीआर पोर्टल की तकनीकी खामियों की वजह से टैक्स प्रोफेशनल्स को पिछले कई दिनों से भारी परेशानी हो रही है। लाखों करदाताओं के रिटर्न समय पर फाइल होने के बावजूद अभी तक प्रोसेस नहीं हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार पोर्टल पर बोझ ज़्यादा और प्रोसेसिंग की रफ्तार धीमी है। सरकार को चाहिए कि पोर्टल की खामियों को दूर करे और टैक्स प्रोफेशनल्स व करदाताओं को राहत दे।

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आईटीआर पोर्टल पर आ रही दिक्कतों से टैक्स प्रोफेशनल्स परेशान

 आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग के इस सीजन में टैक्स प्रोफेशनल्स और करदाताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोटा टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए विष्णु गर्ग ने बताया कि आईटीआर पोर्टल पर लगातार तकनीकी खामियों के कारण टैक्स प्रोफेशनल्स पर काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर AIS और Form-26AS डाउनलोड करने में कठिनाई, ओटीपी वेरिफिकेशन में समस्या और स्लो सर्वर की वजह से रिटर्न भरने की प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। इसके चलते न केवल करदाताओं को दिक्कत हो रही है बल्कि टैक्स प्रोफेशनल्स भी समय सीमा को लेकर दबाव में हैं। पिछले वित्तीय वर्ष (आयकर वर्ष 2024-25) में कुल 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। इस वर्ष (आयकर वर्ष 2025-26) अब तक लगभग 6.69 करोड़ आईटीआर दाखिल हो चुके हैं। आईटीआर पोर्टल की तकनीकी खामियों की वजह से टैक्स प्रोफेशनल्स को पिछले कई दिनों से भारी परेशानी हो रही है। लाखों करदाताओं के रिटर्न समय पर फाइल होने के बावजूद अभी तक प्रोसेस नहीं हुए हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार पोर्टल पर बोझ ज़्यादा और प्रोसेसिंग की रफ्तार धीमी है। सरकार को चाहिए कि पोर्टल की खामियों को दूर करे और टैक्स प्रोफेशनल्स व करदाताओं को राहत दे।


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