जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की रेट्स में कमी की घोषणा की गई, लेकिन किशनगढ़ मार्बल मंडी से जुड़े लोगों के लिए निराशा की स्थिति रही। मार्बल व ग्रेनाइट पर जीएसटी रेट्स में कोई राहत नहीं दी गई। व्यापारियों का कहना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मंदी के हालात में सरकार से उम्मीदें थीं कि जीएसटी की दर को घटाकर व्यापार और उद्योग जगत को सहारा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यदि इस ओर शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो मार्बल उद्योग से जुड़े व्यापारी संगठनों को आंदोलन और हड़ताल जैसे कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। प्रमुख मार्बल उद्यमी भरत सराफ का कहना हैं कि मार्बल व ग्रेनाइट पर जीएसटी की रेट्स 5 फीसदी कर दी जाती, तो यह ‘लोकल फॉर वोकल’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को सशक्त करती और देशी उद्योग को बढ़ावा मिलता।