जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं टैक्स बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में 56वीं जीएसटी परिषद बैठक के प्रमुख परिणाम और उद्योगों पर प्रभाव विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में किया गया। संगोष्ठी में अधिवक्ता, लेखक और चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) डॉ. अर्पित हल्दिया मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। डॉ. सीए अर्पित हल्दिया ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से जरूरी चीजें सस्ती हुई हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी उपभोग पैटर्न को सीधे बढ़ावा मिलता है। वही व्यावसायिक क्षेत्र के लिए सरलीकृत स्लैब ने जटिलता को कम किया, पारदर्शिता को बढ़ावा दिया और अनुपालन बोझ को कम किया है। 2025 का यह जीएसटी सुधार एक अधिक कुशल और न्यायसंगत कर प्रणाली की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो भारत के विकास को गति देगा। इसके अतिरिक्त यह व्यापक सुधार भारत को सतत आर्थिक विकास की ओर अग्रसर करता है और साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि देश भर के प्रत्येक नागरिक और व्यवसाय को कर लाभ प्राप्त हों। जीएसटी 2.0 से केवल आम आदमी को ही फायदा नहीं होगा, उद्योग जगत के लिए भी यह राहत का पैकेज है। छोटे और मंझोले उद्यमों को जटिल टैक्स दरों और कैटेगरी क्लासिफिकेशन के बोझ से मुक्ति मिलेगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट सरल होगा। साथ ही अब कंपनियों को इनवॉइस मिलान की जटिलता से नहीं जूझना पड़ेगा, जिससे कारोबारी माहौल आसान होगा। इसके साथ ही उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जीएसटी 2.0 के तहत वस्तु एवं सेवा क्षेत्र जैसे खाद्य पदार्थ, आम आदमी की वस्तुएं, शिक्षा क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र, फुटवियर क्षेत्र, मोटर वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में किए गए दर परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इससे पूर्व जेआईए अध्यक्ष अनुराग लोहिया ने हल्दिया का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी भारत के इतिहास का सबसे बड़ा वित्तीय सुधार है। इतिहास गवाह है कि जब भी टैक्स रेट्स कम होती है और टैक्स का सरलीकरण होता है तो कंप्लायंस बढ़ती है और सरकार का राजस्व संग्रहण भी बढ़ता है इसलिए जीएसटी 2.0 भारत की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन ‘आत्मनिर्भर भारत’ को सफल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अंत में टैक्स बार एसोसिएशन के सचिव सीए अंकित मालानी ने आभार व्यक्त किया।