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04-09-2025

हाड़ौती क्षेत्र का पहला इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप हो रहा कोटा में, करोड़ों रुपए का होगा निवेश

  •  कोटा में बिजली, पानी, एजुकेशन, होटल, सडक़ व रेल कनेक्टिविटी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। ऐसे में उद्योग क्षेत्र के लिहाज से कोटा शुरू से ही बेहतर जगह मानी जाती है। हालांकि कुछ वर्षों से यहां उद्योगों के लिए जमीन की कमी महसूस की जाने लगी है। इसके लिए औद्योगिक समूहों की ओर से लैंड बैंक बनाने पर भी काफी जोर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद इंडस्ट्रीयल जमीन की कीमतें उच्च स्तर पर बनी होने से पिछले एक दशक से कोटा समेत समूचे हाड़ौती संभाग में पर्याप्त संख्या में नये उद्योग स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में कोटा समेत हाड़ौती संभाग में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कोटा में निजी क्षेत्र में अर्बना टेक्नोपार्क के नाम से पहला इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किया जा रहा है। इस इंडस्ट्रीयल पार्क में रीको के इंडस्ट्रीयल एरिये की तर्ज पर सडक़, बिजली, पानी, सीवरेज और उद्यमियों के लिए ठहरने के लिए गेस्ट हाउस जैसी तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही है। कोटा-झालावाड़ नेशनल हाइवे स्थित मुकुंदपुरा में करीब 187 एकड़ भूमि में अर्बाना टेक्नोपार्क के नाम से प्राइवेट सेक्टर में नया इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किया जा रहा है। इसके लिए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की ओर से स्वीकृति के साथ इंडस्ट्रीयल पार्क को सभी प्रकार की मंजूरी मिल गई है। इससे यहां नये उद्योग लगने की राह प्रशस्त हो गई है। इस पार्क में 500 से 10,000 वर्गमीटर तक के इंडस्ट्रीयल भूखंड उपलब्ध है। इस पार्क में छोटे-बड़े मिलाकर 350 से अधिक इंडस्ट्रीज लगने की संभावना है, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्टमेंट होगा। इस पार्क के शुरू होने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5 से 10 हजार लोगों को रोजगार मुहैया हो सकेगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व प्रदेश में निजी सेक्टर में अजमेर के किशनगढ़, भिवाड़ी व जयपुर में भी इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किए जा चुके है, लेकिन हाड़ौती क्षेत्र में निजी सेक्टर का यह पहला इंडस्ट्रीयल पार्क है। इस इंडस्ट्रीयल पार्क में वे सभी सुविधायें व फायदे उपलब्ध होंगे जो रीको क्षेत्र में उद्यमियों को मिलत है।

    यह है संभावनाएं : रामगंजमंडी के आसपास के क्षेत्रों की खदानों में निकलने वाले कोटा स्टोन के कारण यहां पर कोटा स्टोन आधारित उद्योगों के लगने की प्रबल संभावनायें है। रामगंजमंडी, जुल्मी, चेचट व झालावाड़ आदि क्षेत्र में खनिज संपदा के अपार भंडार मौजूद है। क्षेत्र में एग्रो बेस्ड कमोडिटी प्रचुर मात्रा में होने वाले धनिया, इसबगोल, लहसुन, सोयाबीन आधारित फूड प्रोसेसिंग इकाइयां डवलप होने की संभावनाएं जताई जा रही है। इससे यहां व्यवस्थित रूप से एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री को विकसित किया जा सकता है। वैसे यह पूरा इंडस्ट्रीयल एरिया जनरल इंडस्ट्रीयल एरिया होगा।
    इनके अनुसार : कोटा का खोया हुआ औद्योगिक स्वरूप वापस दिलाने के लिए इस इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना की गई है। यहां औद्योगिक क्षेत्र के विकास की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। उद्यमियों को रियायती दरों पर भूखंड मुहैया करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भूखंड को लीज पर नहीं देकर फ्री होल्ड दिया जाएगा। उद्यमियों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर भूखंड मिलेंगे। अर्बना टेक्नोपार्क में 5100 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर की रेट्स रखी गई है।
    - अनिल मूंदड़ा, मैनेजिंग पार्टनर, अर्बाना टेक्नोपार्क, कोटा
    फूड, स्टोन, लॉजिस्टिक व होटल इंडस्ट्रीज के लिए यहां अच्छा स्कोप है। निजी क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल पार्क के आने से निश्चित तौर पर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। अधिक संख्या में उद्योग स्थापित हो सकेंगे। 
    - गोविंदराम मित्तल, संस्थापक अध्यक्ष, दी एसएसआई एसोसिएशन
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हाड़ौती क्षेत्र का पहला इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप हो रहा कोटा में, करोड़ों रुपए का होगा निवेश

 कोटा में बिजली, पानी, एजुकेशन, होटल, सडक़ व रेल कनेक्टिविटी समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध है। ऐसे में उद्योग क्षेत्र के लिहाज से कोटा शुरू से ही बेहतर जगह मानी जाती है। हालांकि कुछ वर्षों से यहां उद्योगों के लिए जमीन की कमी महसूस की जाने लगी है। इसके लिए औद्योगिक समूहों की ओर से लैंड बैंक बनाने पर भी काफी जोर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद इंडस्ट्रीयल जमीन की कीमतें उच्च स्तर पर बनी होने से पिछले एक दशक से कोटा समेत समूचे हाड़ौती संभाग में पर्याप्त संख्या में नये उद्योग स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में कोटा समेत हाड़ौती संभाग में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कोटा में निजी क्षेत्र में अर्बना टेक्नोपार्क के नाम से पहला इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किया जा रहा है। इस इंडस्ट्रीयल पार्क में रीको के इंडस्ट्रीयल एरिये की तर्ज पर सडक़, बिजली, पानी, सीवरेज और उद्यमियों के लिए ठहरने के लिए गेस्ट हाउस जैसी तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही है। कोटा-झालावाड़ नेशनल हाइवे स्थित मुकुंदपुरा में करीब 187 एकड़ भूमि में अर्बाना टेक्नोपार्क के नाम से प्राइवेट सेक्टर में नया इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किया जा रहा है। इसके लिए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की ओर से स्वीकृति के साथ इंडस्ट्रीयल पार्क को सभी प्रकार की मंजूरी मिल गई है। इससे यहां नये उद्योग लगने की राह प्रशस्त हो गई है। इस पार्क में 500 से 10,000 वर्गमीटर तक के इंडस्ट्रीयल भूखंड उपलब्ध है। इस पार्क में छोटे-बड़े मिलाकर 350 से अधिक इंडस्ट्रीज लगने की संभावना है, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्टमेंट होगा। इस पार्क के शुरू होने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5 से 10 हजार लोगों को रोजगार मुहैया हो सकेगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व प्रदेश में निजी सेक्टर में अजमेर के किशनगढ़, भिवाड़ी व जयपुर में भी इंडस्ट्रीयल पार्क डवलप किए जा चुके है, लेकिन हाड़ौती क्षेत्र में निजी सेक्टर का यह पहला इंडस्ट्रीयल पार्क है। इस इंडस्ट्रीयल पार्क में वे सभी सुविधायें व फायदे उपलब्ध होंगे जो रीको क्षेत्र में उद्यमियों को मिलत है।

यह है संभावनाएं : रामगंजमंडी के आसपास के क्षेत्रों की खदानों में निकलने वाले कोटा स्टोन के कारण यहां पर कोटा स्टोन आधारित उद्योगों के लगने की प्रबल संभावनायें है। रामगंजमंडी, जुल्मी, चेचट व झालावाड़ आदि क्षेत्र में खनिज संपदा के अपार भंडार मौजूद है। क्षेत्र में एग्रो बेस्ड कमोडिटी प्रचुर मात्रा में होने वाले धनिया, इसबगोल, लहसुन, सोयाबीन आधारित फूड प्रोसेसिंग इकाइयां डवलप होने की संभावनाएं जताई जा रही है। इससे यहां व्यवस्थित रूप से एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री को विकसित किया जा सकता है। वैसे यह पूरा इंडस्ट्रीयल एरिया जनरल इंडस्ट्रीयल एरिया होगा।
इनके अनुसार : कोटा का खोया हुआ औद्योगिक स्वरूप वापस दिलाने के लिए इस इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना की गई है। यहां औद्योगिक क्षेत्र के विकास की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। उद्यमियों को रियायती दरों पर भूखंड मुहैया करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भूखंड को लीज पर नहीं देकर फ्री होल्ड दिया जाएगा। उद्यमियों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर भूखंड मिलेंगे। अर्बना टेक्नोपार्क में 5100 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर की रेट्स रखी गई है।
- अनिल मूंदड़ा, मैनेजिंग पार्टनर, अर्बाना टेक्नोपार्क, कोटा
फूड, स्टोन, लॉजिस्टिक व होटल इंडस्ट्रीज के लिए यहां अच्छा स्कोप है। निजी क्षेत्र में इंडस्ट्रीयल पार्क के आने से निश्चित तौर पर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। अधिक संख्या में उद्योग स्थापित हो सकेंगे। 
- गोविंदराम मित्तल, संस्थापक अध्यक्ष, दी एसएसआई एसोसिएशन

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