पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से विदेशी टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र रही शेखावाटी अंचल की आकर्षक हवेलियों की राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने सुध लेने की योजना बनाई है। सीकर, झुंझुनूं एवं चूरू जिले का सम्मलित भू भाग शेखावाटी अंचल कहलाता है। इसके लिए प्रदेश के पर्यटन विभाग ने शेखावाटी अंचल की हवेलियों को पुन: सजाने-संवारने की प्रक्रिया में जुट गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों के दौरान रखरखाव के अभाव में शेखावाटी अंचल की बहुत सी हवेलियां खंडहर जैसी बनकर रह गई है। शेखावाटी की ये हवेलियां विदेशी पर्यटकों में ‘ओपन आर्ट गैलरी’ के रूप में विख्यात है। सरकार की प्रोजेक्ट डवलपमेंट एजेंसी पीडीकोर के अनुसार सरकार की शुरुआती योजना में लक्ष्मणगढ़, नवलगढ़, डुंडलोद, रामगढ़, फतेहपुर, खेतड़ी, मंडावा तथा महनसर की हवेलियों को शामिल किया जा रहा है। इस योजना के सिलसिले में प्रदेश की डिप्टी सीएम एवं पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने शेखावाटी अंचल के तीनो जिला कलक्टरों से मीटिंग कर चुकी है। मीटिंग में जिला कलक्टरों ने बताया कि तीनों जिलों में करीब 600 ऐसी हवेलियों की सूची तैयार की गई है, जिनको सजा-संवार कर बेहतरीन बनाया जा सकता है। दीया कुमारी हेरिटेेज होटल सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी इस बारे में राय मांगी है। इस अंचल की सभी पुरानी हवेलिया उन प्रवासी उद्यमियों की है, जो कोलकाता, मुंबई, गुवाहाटी, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरू आदि शहरों में कारोबार कर रहे हैं। इन हवेलियों की सार-संभाल एवं रखरखाव नहीं होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि पूर्वजों द्वारा बनाई गई इन हवेलियों उत्तराधिकारियों की संख्या काफी बढ़ गई है। इस कारण उत्तराधिकारी इनके रखरखाव में रूचि नहीं दिखाते हैं। राज्य सरकार ने इन हवेलियों को बेहतर बनाकर हेरिटेज होटल में कन्वर्ट करने के लिए इन्सेंटिव योजना भी चला रखी है। इस योजना के तहत इन होटलों में बार के लाइसेंस के लिए 70 पर्सेंट ही शुल्क लिया जाता है। सामान्यत: सरकार 10 कमरों के होटल को ही बार का लाइसेंस देती है, लेकिन हेरिटेज होटलों के मामलों में पांच कमरों के होटल पर भी बार का लाइसेंस जारी करने का प्रावधान है।