बारीक चावल बरसात एवं बाढ़ के चलते घरेलू मांग सुधरने से तेजी लिए बाजार बंद हुए। इसके अलावा उड़द तुवर देसी चना सहित अन्य दालें भी नीचे के भाव में मांग निकलने से मजबूती लिए बंद हुई। पंजाब एवं हरियाणा में धान की तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है, जिस कारण खेतों में तैयार फसल की कटाई रुक गई है तथा अब तक अनुमान के मुताबिक 15-16 प्रतिशत तैयार धान डूबकर नष्ट हो गया है। इस वजह से सभी तरह के बासमती चावल में धीरे-धीरे तेजी का रुख बना हुआ है। यहां नीचे में 1718 सेला चावल जो 6500 रुपए प्रति कुंतल पिछले महीने बिकी गया था, वो 6700/6800 रुपए प्रति कुंतल हो गए हैं। बढिय़ा चावल 6900 रुपए भी बोलने लगे हैं। इसी तरह 1509 एवं 1401 सहित अन्य बासमती प्रजाति के चावल सेला एवं स्टीम में बढत लिए बाजार बंद हुए। यूपी में शरबती नूरी चावल भी तेज बोलने लगे। बासमती प्रजाति चावल में घरेलू और निर्यातकों की लिवाली आने से 100 रुपये बढक़र चावल 1509 सेला 6350/6450 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। इसी अनुपात में स्टीम चावल भी तेज बोला गया। इधर 1718 सेला चावल में भी निर्यातकों की कांडला पहुंच में अच्छी लिवाली सुनी गई, जिस कारण इसके भाव भी 6700/6800 हो गए हैं तथा अभी बाजार और बढ़ सकता है। इधर मकई में बढिय़ा माल की भारी कमी होने से एवं रैक वालों की चौतरफा लिवाली चलने से बढ़त पर मंडियों में भाव 2150/2160 रुपए एवं रैक पॉइंट पर 2180/2185 रुपए प्रति क्विंटल तक व्यापार सुना गया। इसके साथ-साथ बाजरा भी 25/30 रुपए क्वालिटी अनुसार तेज हो गया। मौली बरवाला पहुंच में 2450/2500 रुपए तक व्यापार सुना गया। दलहनों में उड़द हाजिर माल की कमी होने तथा चेन्नई के तेजी से यहां दाल मिलों की पकड़ मजबूत होते ही 50/75 रुपए बढक़र एफ ए क्यू 7600 एवं एसक्यू 8100 रुपए की ऊंचाई पर पहुंच गया। दूसरी ओर मसूर मोटी 6800/6850 रुपए पर सुस्त है, जबकि कोटा बूंदी बहराइच लाइन की छोटी मसूर में पूर्वस्तर पर तेजी लिए बोली गई। तुवर भी 100 रुपए घटकर सबेरे 6450 रुपए नीचे में बिकने के बाद पुन: बढक़र 6550 रुपए हो गई। देसी चना घटे भाव में ग्राहकी निकलने से 100 रुपए बढक़र 6100/6125 रुपए खड़ी मोटर में लॉरेंस रोड पर बिक गया। दाल भी इसी अनुपात में घटने के बाद मजबूती लिए बंद हुई।