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04-09-2025

सरसों : अधिक मंदा नहीं

  •  तेल मिलों की मांग कमज़ोर होने स्टाकिस्टों की बिकवाली से सरसों के भाव 250 रुपए प्रति क्विंटल घट गए, भविष्य में इसमें अधिक गिरावट की संभावना नहीं लग रही है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने एवं ऊंचे भाव तेल मिलो की मांग घटने से लारेंस रोड सरसों के भाव एक माह में 250 रूपये घटकर 6950/7000 रुपए प्रति कुंतल रह गई। नजफगढ़ मंडी में लूज इसके भाव 6650/6700 रुपए प्रति किवंटल हो गए। बरसात का मौसम होने के कारण देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 2.50/3 लाख बोरी के लगभग दैनिक की रह गई।राजस्थान के मंडियों में भी मांग घटने से जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 250 रूपये घटकर 7225 रूपये तथा अलवर में 7000 रूपए प्रति कुंतल रह गए। आगरा में मांग कमजोर होने से 42' कमीशन सरसों के भाव 250 रूपये घटकर 7900/7925 रुपए प्रति किवंटल रह गए। सरसों का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश गुजरात छत्तीसगढ़ उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में होता है।  चालू सीजन में देश में सरसों का 111.25 लाख टन होने संभावना व्यक्त की गई थी,जो गत वर्ष की तुलना में कम है। देश मे अभी तक सरसों की आवक 50 लाख टन से अधिक  हो चुकी है जिसमें से 45 लाख टन लगभग सरसों के क्रशिंग हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसियों के पास 15 लाख टन के लगभग सरसों का स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा  व्यापारियों के पास भी भारी मात्रा में स्टॉक है। उक्त अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा  बाजार में डालर की तुलना में रूपए कीमतों का लुढक़ना जारी रहा। हालांकि सरकार द्वारा खाद्य तेलों की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए  हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं। इन हालात को देखते हुए भविष्य में इसमें लम्बी तेजी की संभावना नहीं लग रही है। चालू सीजन के दौरान उत्पादन कमजोर हुआ। स्टॉकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए  आगामी माह में सरसों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है बाजार 200/250 रुपए के उतार चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।

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सरसों : अधिक मंदा नहीं

 तेल मिलों की मांग कमज़ोर होने स्टाकिस्टों की बिकवाली से सरसों के भाव 250 रुपए प्रति क्विंटल घट गए, भविष्य में इसमें अधिक गिरावट की संभावना नहीं लग रही है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने एवं ऊंचे भाव तेल मिलो की मांग घटने से लारेंस रोड सरसों के भाव एक माह में 250 रूपये घटकर 6950/7000 रुपए प्रति कुंतल रह गई। नजफगढ़ मंडी में लूज इसके भाव 6650/6700 रुपए प्रति किवंटल हो गए। बरसात का मौसम होने के कारण देश की विभिन्न मंडियों में सरसों की आवक 2.50/3 लाख बोरी के लगभग दैनिक की रह गई।राजस्थान के मंडियों में भी मांग घटने से जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 250 रूपये घटकर 7225 रूपये तथा अलवर में 7000 रूपए प्रति कुंतल रह गए। आगरा में मांग कमजोर होने से 42' कमीशन सरसों के भाव 250 रूपये घटकर 7900/7925 रुपए प्रति किवंटल रह गए। सरसों का उत्पादन मुख्यत: राजस्थान हरियाणा उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश गुजरात छत्तीसगढ़ उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में होता है।  चालू सीजन में देश में सरसों का 111.25 लाख टन होने संभावना व्यक्त की गई थी,जो गत वर्ष की तुलना में कम है। देश मे अभी तक सरसों की आवक 50 लाख टन से अधिक  हो चुकी है जिसमें से 45 लाख टन लगभग सरसों के क्रशिंग हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार सरकारी एजेंसियों के पास 15 लाख टन के लगभग सरसों का स्टॉक बचा हुआ है। इसके अलावा  व्यापारियों के पास भी भारी मात्रा में स्टॉक है। उक्त अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा  बाजार में डालर की तुलना में रूपए कीमतों का लुढक़ना जारी रहा। हालांकि सरकार द्वारा खाद्य तेलों की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए  हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं। इन हालात को देखते हुए भविष्य में इसमें लम्बी तेजी की संभावना नहीं लग रही है। चालू सीजन के दौरान उत्पादन कमजोर हुआ। स्टॉकिस्टों की मजबूत पकड़ को देखते हुए  आगामी माह में सरसों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है बाजार 200/250 रुपए के उतार चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।


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