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06-09-2025

देसी चने के नीचे वाले भाव में व्यापार दिवाली तक देगा लाभ

  •  देसी चना लॉरेंस रोड पर ऊपर के भाव से 450 रुपए प्रति क्विंटल नीचे जरूर आ गया है, लेकिन आज की तारीख में किसी भी मंडी से दिल्ली के लिए पड़ता नहीं है। यह मंदा केवल दहशत एवं लगातार बाढ़ बरसात के चलते ग्राहकी नहीं होने से आया है। अत: आने वाले समय में ग्राहकी निकलते ही बाजार 6500 रुपये बन सकता है। पिछले एक सप्ताह से उत्तर भारत में बाढ़ एवं वर्ष का प्रकोप बढ़ गया है, जिस कारण तैयार माल की लोडिंग खपत वाली मंडियों के लिए लगभग 70 प्रतिशत घट गया है। इसके अलावा जो माल स्टॉक में है, वह लगातार घटाकर कटिंग होते जा रहे हैं। राजस्थान महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में देसी चने का स्टॉक नहीं है, इसके बावजूद भी पिछले एक पखवाड़े के अंतराल उसमें 450 रुपए की गिरावट आ गई है। गत एक माह पहले देसी चना 5700 से बढक़र 6450 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में बिक गया था तथा 6500 रुपए भी एक दिन बोल गए थे, लेकिन व्यापार नहीं हुआ। इस तेजी के बाद खपत वाले उद्योगों की मटर दाल एवं बेसन में मांग बढ़ गई, जिससे मंडियों से दाल मिलों की मांग केवल बिक्री के हिसाब से रह जाने से बाजार धीरे-धीरे टूटे चले गए तथा उक्त अवधि के अंतराल 450 रुपए टूटकर आज 6000 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर भाव रह गए थे। इन भावों में बड़ी दाल मिलों की एक बार पकड़ मजबूत हो गई है, जिससे बाजार 50/60 रुपए खबर लिखे जाने तक बढ़ाकर बोलने लगे हैं। किसी भी दाल मिल में स्टॉक कच्चे माल का नहीं है। हम मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया का चना इस बार भी आएगा, लेकिन वहां भाव ऊंचे चल रहे हैं तथा फसल में भी पोल की खबरें आ रही है, उसे देखते हुए देसी चना यहां से भरपूर तेज लग रहा है। ऑस्ट्रेलिया का चना नवंबर से पहले आना मुश्किल लग रहा है तथा उत्पादक व वितरक सभी मंडियों में देसी चने का स्टाक नहीं है, केवल मटर के सस्ते व्यापार से देसी चने का व्यापार प्रभावित हुआ है तथा मंदा देख आया है, अब यहां से आगे चलकर फिर से 6500 प्रति कुंतल की संभावना बनने लगी है। आज के निचले स्तर पर बिकवाली कमजोर बनी हुई है तथा मिक्सिंग करने वालो की भी मांग बढ़ गई है। अत: वर्तमान भाव में घबराने की अब जरूरत नहीं है, देसी चने में एक बार फिर क्रांति आएगी। हम मानते हैं कि चने के दाल की बिक्री, मटर सस्ती बिकने से कम हो रही है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ऑस्ट्रेलिया का चना अक्टूबर उत्तरार्ध में शिपमेंट होकर नवंबर दिसंबर में ही आएगा तथा 15 नवंबर से पहले देसी चना और शॉर्टेज में आ जाएगा। अत: राजस्थानी जो चना आज 6025/6050 रुपए लॉरेंस रोड पर बोलने लगे हैं, इसमें लिवाली करनी चाहिए।

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देसी चने के नीचे वाले भाव में व्यापार दिवाली तक देगा लाभ

 देसी चना लॉरेंस रोड पर ऊपर के भाव से 450 रुपए प्रति क्विंटल नीचे जरूर आ गया है, लेकिन आज की तारीख में किसी भी मंडी से दिल्ली के लिए पड़ता नहीं है। यह मंदा केवल दहशत एवं लगातार बाढ़ बरसात के चलते ग्राहकी नहीं होने से आया है। अत: आने वाले समय में ग्राहकी निकलते ही बाजार 6500 रुपये बन सकता है। पिछले एक सप्ताह से उत्तर भारत में बाढ़ एवं वर्ष का प्रकोप बढ़ गया है, जिस कारण तैयार माल की लोडिंग खपत वाली मंडियों के लिए लगभग 70 प्रतिशत घट गया है। इसके अलावा जो माल स्टॉक में है, वह लगातार घटाकर कटिंग होते जा रहे हैं। राजस्थान महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में देसी चने का स्टॉक नहीं है, इसके बावजूद भी पिछले एक पखवाड़े के अंतराल उसमें 450 रुपए की गिरावट आ गई है। गत एक माह पहले देसी चना 5700 से बढक़र 6450 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में बिक गया था तथा 6500 रुपए भी एक दिन बोल गए थे, लेकिन व्यापार नहीं हुआ। इस तेजी के बाद खपत वाले उद्योगों की मटर दाल एवं बेसन में मांग बढ़ गई, जिससे मंडियों से दाल मिलों की मांग केवल बिक्री के हिसाब से रह जाने से बाजार धीरे-धीरे टूटे चले गए तथा उक्त अवधि के अंतराल 450 रुपए टूटकर आज 6000 रुपए प्रति कुंतल लॉरेंस रोड पर भाव रह गए थे। इन भावों में बड़ी दाल मिलों की एक बार पकड़ मजबूत हो गई है, जिससे बाजार 50/60 रुपए खबर लिखे जाने तक बढ़ाकर बोलने लगे हैं। किसी भी दाल मिल में स्टॉक कच्चे माल का नहीं है। हम मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया का चना इस बार भी आएगा, लेकिन वहां भाव ऊंचे चल रहे हैं तथा फसल में भी पोल की खबरें आ रही है, उसे देखते हुए देसी चना यहां से भरपूर तेज लग रहा है। ऑस्ट्रेलिया का चना नवंबर से पहले आना मुश्किल लग रहा है तथा उत्पादक व वितरक सभी मंडियों में देसी चने का स्टाक नहीं है, केवल मटर के सस्ते व्यापार से देसी चने का व्यापार प्रभावित हुआ है तथा मंदा देख आया है, अब यहां से आगे चलकर फिर से 6500 प्रति कुंतल की संभावना बनने लगी है। आज के निचले स्तर पर बिकवाली कमजोर बनी हुई है तथा मिक्सिंग करने वालो की भी मांग बढ़ गई है। अत: वर्तमान भाव में घबराने की अब जरूरत नहीं है, देसी चने में एक बार फिर क्रांति आएगी। हम मानते हैं कि चने के दाल की बिक्री, मटर सस्ती बिकने से कम हो रही है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ऑस्ट्रेलिया का चना अक्टूबर उत्तरार्ध में शिपमेंट होकर नवंबर दिसंबर में ही आएगा तथा 15 नवंबर से पहले देसी चना और शॉर्टेज में आ जाएगा। अत: राजस्थानी जो चना आज 6025/6050 रुपए लॉरेंस रोड पर बोलने लगे हैं, इसमें लिवाली करनी चाहिए।


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