लिक्विड दूध की आपूर्ति में वृद्धि होने के बावजूद भी देसी घी एवं मक्खन में लोकल तथा चालानी मांग चलने से आज और 150 रुपए प्रति टीन की तेजी आ गई। आगे खपत को देखते हुए देसी घी में और बढऩे के आसार बन गए हैं। इसके अलावा दूध पाउडर भी बढ़ जाएगा । वर्तमान में अधिकतर राज्यों में अच्छी बरसात होने से लिक्विड दूध के उत्पादन में 10 प्रतिशत की चार-पांच दिनों में और वृद्धि हो गई है, इसके प्रभाव से उत्तर भारत की कंपनियों में लिक्विड दूध की आपूर्ति 6-7 लाख लीटर और बढक़र 92-93 लाख लीटर दैनिक खुर्जा स्याना बुलंदशहर गुलावठी मेरठ मोहिउद्दीनपुर तरावड़ी करनाल सोनीपत कुरुक्षेत्र रेवाड़ी गुडग़ांव अगवानपुर बल्लभगढ़ आगरा कासगंज ग्वालियर आदि सभी क्षेत्रों के प्लांटों में हो गयी। लेकिन प्लांटों में बटर का स्टॉक नहीं होने तथा निर्यातकों के पास सितंबर शिपमेंट तक के माल बिके होने से देसी घी शॉर्टेज बन गई है। यही कारण है कि देसी घी प्रीमियम क्वालिटी के आज 150 रुपए और बढक़र 9050/9600 रुपए प्रति टीन के बीच हो गया। मिलावटी देसी घी 7000/7600 के बीच आरएम वैल्यू के हिसाब से ठिकाना पहुंच में बेच देते हैं। इधर तमिलनाडु आंध्र प्रदेश कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के दूध पाउडर, दिल्ली एनसीआर में 10/15 रुपए बढ़ाकर 260/265 रुपए उत्तर भारत की मंडियों में पहुंच में बोलने लगे, जबकि यहां बाजार पिछले दिनों के बढऩे के बाद ठहरे हुए हैं। इस वजह से उत्तर भारत की कंपनियों में प्रीमियम क्वालिटी के 310/320 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में दूध पाउडर 240/250 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। जो भारतीय बंदरगाहों से निर्यात हो रहे हैं। उत्तर भारत की कंपनियों को लिक्विड दूध महंगा खरीद करने से पड़ते नहीं लग रहे हैं। इस वजह से यहां दूध पाउडर का व्यापार उतर भारत की कंपनियों से अपेक्षाकृत कम हो रहा है। पितृपक्ष के बाद नवरात्रि में भी मावा पनीर की अधिक खपत होती है, इसे देखते हुए दूध पाउडर एवं देसी घी दोनों और बढ़ जाएंगे।