गत सप्ताह सटोरियों की बिकवाली एवं बाढ़-बरसात से चौतरफा ग्राहकी के अभाव में छोटी-बड़ी इलायची, कालीमिर्च, जायफल, हल्दी, जीरा, पोस्तदाना, किशमिश, छुआरा काफी टूट गये। वहीं नीचे भाव में लोकल व चालानी मांग निकलने से बादाम गिरी दूसरे सप्ताह भी तेज रही। अन्य किराना मेवा में मिलाजुला रूख रहा। आलोच्य सप्ताह नीलामी केन्द्रों पर आवक बढऩे एवं सटोरियों की बिकवाली से छोटी इलायची एवरेज क्वालिटी की 100 रुपए टूटकर 2100/2200 रुपए प्रति किलो (आधा किलो पैकिंग में)ं रह गयी। इसके साथ-साथ मोटे माल भी घटाकर बोले गये। गौरतलब है कि फसल कम की हवा उड़ाकर बाजार को उठाना चाहते थे लेकिन अंतर्राष्टï्रीय बाजार में नीचे भाव होने से व्यापार में समर्थन नहीं मिल पा रहा है। जबकि उत्पादक मंडियों में किसानी माल की आवक दो दिन के अंतराल फिर बढ़ गयी है। इधर बड़ी इलायची में ग्वालियर लाईन के सटोरियों का मनोबल टूट जाने एवं नेपाल से आवक बढ़ जाने से यहां 30 रुपए टूटकर इसके भाव 1470/1480 रुपए प्रति किलो रह गये। रायपुर में सटोरिये कुछ सक्रिय हैं लेकिन वास्तविक व्यापार कमजोर होने से तेजडिय़ों की मोनोपोली नहीं चल पा रही है। इस वजह से अभी बाजार और घट सकता है। इधर कालीमिर्च भी पिछले दिनों आयी तेजी के बाद ग्राहकी कमजोर होने एवं वियतनाम के मंदे समाचार होने से 10 रुपए घटकर मरकरा 730/740 रुपए रह गयी। इसके अलावा पोस्तदाना भी देशी-विदेशी माल की बिकवाली आने से 50/100 रुपए और घटकर तुर्की व चाईना का 1300/1400 रुपए रह गया। जायफल भी पिछले दिनों की आयी तेजी के बाद एर्नाकुलम लाईन की बिकवाली से यहां 5 रुपए घटकर 485/690 रुपए प्रति किलो रह गया। इधर डिब्बे में लगातार सटोरियों की बिकवाली चलने से हल्दी 6/7 रुपए टूटकर ईरोड एजइटईज गठ्ठा 124/125 रुपए प्रति किलो रह गया। जीरा भी वायदा व हाजिर में ग्राहकी कमजोर होने से 2/3 रुपए घटकर सबसे नीचे वाली क्वालिटी 202/205 रुपए एवं बढिय़ा 226/232 रुपए रह गया। मखाना भी उत्पादक मंडियों के मंदे समाचार से यहां 50 रुपए घटकर 1050/1450 रुपए प्रति किलो रह गया। मेवा बाजार में किशमिश चाईना के माल की हलचल से यहां इंडियन ग्रीन 1000 रुपए टूटकर 15500/17500 रुपए प्रति 40 किलो रह गयी। इंडीयन पीली एवं कधांरी माल में भी इसी अनुपात में गिरावट दर्ज की गयी। नया छुआरा यहां आने लगा है जो 90/150 रुपए प्रति किलो के बीच बिकने से पुराना माल लाल बढिय़ा क्वालिटी का 275 रुपए से टूटकर 260 रुपए प्रति किलो रह गया। अन्य मालों में भी इसी अनुपात में गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी ओर बादाम गिरी कैलिफोर्निया नीचे भाव में लोकल व चालानी मांग निकलने से 10/15 रुपए और बढक़र 750/760 रुपए प्रति किलो हो गयी। इंनडिपेन्डेंट माल में भी इसी अनुपात में बढ़त दर्ज की गयी।
आवक घटने से गुड़-शक्कर तेज : चीनी सुधरी : आवक कमजोर होने तथा ग्रह के निकालना चाहिए गत सप्ताह के दौरान स्थानीय बाजार में गुड के भाव 150/ 200 रुपए प्रति कुंतल बढ़ गए। शक्कर व खांड सारी की कीमतों में भी तेजी का रख रहा,चीनी में भी शुरुआती गिरावट के बाद 25, रुपए प्रति क्विंटल सुर्खी रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मंडियों के तेज समाचार आने एवं आवक कमजोर होने एवं मांग बढऩे से गुड़ के भाव 150/200 रुपए बढक़र पेड़ी 4850/ 4950 रुपए तथा चाकू के भाव 4800/ 4900 प्रति कुंतल हो गए शक्कर भी बिकवाली कमजोर होने से 200 बढक़र 5000/5100रूपये वह खंड साड़ी के भाव 5300/ 5400 रुपए प्रति कुंतल पर पहुंच गए।, मुजफ्फरनगर मंडी में भी बिकवाली कमजोर होने से गुड़ के भाव 100/150 रुपए बढक़र चाकू कोल्ड के भाव 4150 /4350 रुपए पपड़ी के भाव 4100 रूपये तथा चौरसा के भाव 4100 रुपए व रीमेड पेड़ी के भाव4300/4400 रूपयेप्रति कुंतल हो गए, जबकि बरसाती मौसम के कारण मांग कमजोर होने के कारण सप्ताह के शुरुआत में मिल डिलीवरी चीनी के भाव 40/50 रुपए प्रति कुंतल घट गए थे लेकिन सप्ताह अंत में मौसम साफ होने के कारण ग्राहकी निकलने से भाव से 15-25 रुपए बढक़र मिल डिलीवरी चीनी के भाव 3965/ 4030 रुपए हाजिर चीनी भी 4250/ 4350रुपए प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि सटोरिया लिवाली घटने से लंदन चीनी वायदा लंदन अक्टूबर डिलीवरी के बाद 492 .70 से घटकर 478.50 डॉलर प्रति टन रह गया।