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05-09-2025

बरसात एवं बाढ़ से हरियाणा पंजाब में धान की कटाई बाधित हुई-चावल के भाव अभी बढ़ेंगे

  •  धान  की फसल हरियाणा पंजाब में तैयार हो चुकी है। अमृतसर एवं करनाल लाइन में नया 1509 धान की आवक हो रही है, लेकिन मौसम खराब होने से माल कम आ रहा है। इस वजह से पुराने धान एवं चावल में फिर से मजबूती का रुख बनने लगा है। फिलहाल मौसम खराब चलने से व्यापार कमजोर चल रहा है। बासमती प्रजाति के धान की फसल अमृतसर तारांतरण जंडियाला गुरु के साथ-साथ करनाल टोहाना लाइन में तैयार हो चुकी है, लेकिन वर्तमान की लगातार बरसात होने से कंबाइन से कटाई नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि धान काटने वाली मशीन में काफी वजन होता है, इसलिए वह बरसात में खेतों में नहीं जा पाएगी। यही कारण है कि कामगारों द्वारा कटाई चल रही है, लेकिन वह भी बरसात से बाधित है। यही कारण है कि पिछले सप्ताह अमृतसर मंडी में 2900/3000 रुपए प्रति कुंतल 1509 प्रजाति के धान बिकने के बाद आवक ठप पड़ गई है तथा वहां 3400/3600 रुपए तक जो सूखा माल है, बोलने लगे हैं। करनाल लाइन में भी इसके भाव नमी के हिसाब से 2900/3200 रुपए तक बोल रहे हैं। बासमती प्रजाति के सभी धान की आपूर्ति प्रेशर से आने में अभी कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। इस वजह से चावल 1509 एवं 1718 सेल तथा स्टीम के भाव भी राइस मिल वाले बढ़ाकर बोलने लगे हैं, क्योंकि उन्हें यह आभास हो गया है कि सितंबर में सूखा धान नहीं मिल पाएगा तथा मिलिंग में टुकड़ा ज्यादा बैठेगा, इसलिए पुराने चावल को अभी रोक कर चलना चाहिए। यद्यपि निर्यात एवं डॉमेस्टिक मार्केट में भी व्यापार  कमजोर जरूर चल रहा है, लेकिन सभी तरह के साठी व पुराने बासमती प्रजाति के चावल किसी भी मिल में ज्यादा नहीं है। वितरक व उत्पादक मंडियों के ट्रेडर्स भी ग्राहकी के अभाव एवं फसल तैयार को देखकर हर भाव में काटते चले गए थे, इस वजह से आगे खपत के लिए अभी कमी पड़ सकती है। इन सारी परिस्थितियों के आकलन करने पर यहां से 500 रुपए प्रति क्विंटल चालू माह में सभी तरह के बासमती चावल में तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं।

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बरसात एवं बाढ़ से हरियाणा पंजाब में धान की कटाई बाधित हुई-चावल के भाव अभी बढ़ेंगे

 धान  की फसल हरियाणा पंजाब में तैयार हो चुकी है। अमृतसर एवं करनाल लाइन में नया 1509 धान की आवक हो रही है, लेकिन मौसम खराब होने से माल कम आ रहा है। इस वजह से पुराने धान एवं चावल में फिर से मजबूती का रुख बनने लगा है। फिलहाल मौसम खराब चलने से व्यापार कमजोर चल रहा है। बासमती प्रजाति के धान की फसल अमृतसर तारांतरण जंडियाला गुरु के साथ-साथ करनाल टोहाना लाइन में तैयार हो चुकी है, लेकिन वर्तमान की लगातार बरसात होने से कंबाइन से कटाई नहीं हो पा रही है। गौरतलब है कि धान काटने वाली मशीन में काफी वजन होता है, इसलिए वह बरसात में खेतों में नहीं जा पाएगी। यही कारण है कि कामगारों द्वारा कटाई चल रही है, लेकिन वह भी बरसात से बाधित है। यही कारण है कि पिछले सप्ताह अमृतसर मंडी में 2900/3000 रुपए प्रति कुंतल 1509 प्रजाति के धान बिकने के बाद आवक ठप पड़ गई है तथा वहां 3400/3600 रुपए तक जो सूखा माल है, बोलने लगे हैं। करनाल लाइन में भी इसके भाव नमी के हिसाब से 2900/3200 रुपए तक बोल रहे हैं। बासमती प्रजाति के सभी धान की आपूर्ति प्रेशर से आने में अभी कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। इस वजह से चावल 1509 एवं 1718 सेल तथा स्टीम के भाव भी राइस मिल वाले बढ़ाकर बोलने लगे हैं, क्योंकि उन्हें यह आभास हो गया है कि सितंबर में सूखा धान नहीं मिल पाएगा तथा मिलिंग में टुकड़ा ज्यादा बैठेगा, इसलिए पुराने चावल को अभी रोक कर चलना चाहिए। यद्यपि निर्यात एवं डॉमेस्टिक मार्केट में भी व्यापार  कमजोर जरूर चल रहा है, लेकिन सभी तरह के साठी व पुराने बासमती प्रजाति के चावल किसी भी मिल में ज्यादा नहीं है। वितरक व उत्पादक मंडियों के ट्रेडर्स भी ग्राहकी के अभाव एवं फसल तैयार को देखकर हर भाव में काटते चले गए थे, इस वजह से आगे खपत के लिए अभी कमी पड़ सकती है। इन सारी परिस्थितियों के आकलन करने पर यहां से 500 रुपए प्रति क्विंटल चालू माह में सभी तरह के बासमती चावल में तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं।


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