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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-09-2025

राइसब्रान ऑयल : सीमित घटबढ़

  •  सप्लाई कमजोर होने एवं मांग बढऩे से राइस ब्रान ऑयल के भाव 200 रूपये प्रति कुंतल बढ़ गए। भविष्य में इसमें अधिक तेजी की संभावना नहीं है। रिफाइंड ब्लेंडिंग वालों की मांग बढऩे से एक माह के दौरान राइसब्रान ऑयल पंजाब के भाव 200 रूपए बढक़र 11600 रूपए प्रति क्विंटल हो गए। बिकवाली घटने से राइसब्रान ऑयल रिफाइंड के भाव 300 रूपये बढक़र   13700 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। सरकार द्वारा खाद्य तेलों की टैरिफ दरो में बढ़ोतरी किए जाने के कारण क्रूड  सोया तेल, क्रूड  पाम तेल  की कीमतों मे तेजी का रुख रहा। डॉलर की तुलना रुपया कमज़ोर होने के कारण आयत शुल्क में गिरावट का विदेशी तेलों की कीमतों पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। अन्य खाद्य तेलों की तुलना में कीमतें कम होने के कारण मांग बराबर बनी हुई है। धान का उत्पादन उत्तर प्रदेश ,पंजाब, उत्तराखंड, बंगाल इत्यादि राज्यों में होता है ।चालू सीजन के दौरान देश में धान का बजाई रकबा 325 लाख हेक्टेयर से बढक़र 364 लाख हेक्टेयर में होने की खबर है। बिजाई का रकबा बढ़ाने के  कारण इस वर्ष धान का उत्पादन अधिक होने की संभावना है।, उत्पादन अधिक होने की संभावना के चलते राइसब्रान ऑयल की उपलब्धता इस बार गत वर्ष की तुलना में अधिक  होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है । सामान्यत: राइसब्रान ऑयल का उत्पादन 10/10.50 लाख टन के  लगभग होता है। राइसब्रान ऑयल का निर्यात  वियतनाम और बांग्लादेश को होता है। आने वाले समय खाद्य तेलों की मांग बढऩे की संभावना है। सप्लाई व मांग को देखते हुए राइसब्रान ऑयल की कीमतों में भविष्य में और अधिक तेजी की संभावना कम है। बाज़ार सीमित  उतार चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।

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राइसब्रान ऑयल : सीमित घटबढ़

 सप्लाई कमजोर होने एवं मांग बढऩे से राइस ब्रान ऑयल के भाव 200 रूपये प्रति कुंतल बढ़ गए। भविष्य में इसमें अधिक तेजी की संभावना नहीं है। रिफाइंड ब्लेंडिंग वालों की मांग बढऩे से एक माह के दौरान राइसब्रान ऑयल पंजाब के भाव 200 रूपए बढक़र 11600 रूपए प्रति क्विंटल हो गए। बिकवाली घटने से राइसब्रान ऑयल रिफाइंड के भाव 300 रूपये बढक़र   13700 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। सरकार द्वारा खाद्य तेलों की टैरिफ दरो में बढ़ोतरी किए जाने के कारण क्रूड  सोया तेल, क्रूड  पाम तेल  की कीमतों मे तेजी का रुख रहा। डॉलर की तुलना रुपया कमज़ोर होने के कारण आयत शुल्क में गिरावट का विदेशी तेलों की कीमतों पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। अन्य खाद्य तेलों की तुलना में कीमतें कम होने के कारण मांग बराबर बनी हुई है। धान का उत्पादन उत्तर प्रदेश ,पंजाब, उत्तराखंड, बंगाल इत्यादि राज्यों में होता है ।चालू सीजन के दौरान देश में धान का बजाई रकबा 325 लाख हेक्टेयर से बढक़र 364 लाख हेक्टेयर में होने की खबर है। बिजाई का रकबा बढ़ाने के  कारण इस वर्ष धान का उत्पादन अधिक होने की संभावना है।, उत्पादन अधिक होने की संभावना के चलते राइसब्रान ऑयल की उपलब्धता इस बार गत वर्ष की तुलना में अधिक  होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है । सामान्यत: राइसब्रान ऑयल का उत्पादन 10/10.50 लाख टन के  लगभग होता है। राइसब्रान ऑयल का निर्यात  वियतनाम और बांग्लादेश को होता है। आने वाले समय खाद्य तेलों की मांग बढऩे की संभावना है। सप्लाई व मांग को देखते हुए राइसब्रान ऑयल की कीमतों में भविष्य में और अधिक तेजी की संभावना कम है। बाज़ार सीमित  उतार चढ़ाव के बीच में घूमता रह सकता है।


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