बढ़ी कीमत पर किसानों की लालमिर्च में बिक्री सीमित बनी हुई है। हालांकि निर्यातकों की सक्रियता मजबूत बनी हुई हैं लेकिन घरेलू मांग भी अच्छी बताई जा रही है। यही वजह है कि हाल ही में इसमें थोड़ी तेजी आई है। आगामी दिनों में लालमिर्च में मजबूत ही बनी रहने की उम्मीद है। किसानों की बिकवाली सीमित बनी होने से गुंटूर में पिछले कुछ समय से लालमिर्च की आवक 40-50 हजार बोरियों के बीच हो रही है। इसकी वजह से विभिन्न किस्मों में रूक-रूककर तेजी आती जा रही है। हाजिर थोक बाजार में भी इस प्रमुख किराना जिंस की थोक कीमत में हाल ही में थोड़ी तेजी आई है। इस बार फसल की बुआई तुलनात्मक रूप से नीची हुई थी लेकिन मौसम का अनुकूल समर्थन मिलने और औसत उत्पादकता अच्छी आने से उत्पादन अच्छा होने का अनुमान है। बहरहाल, इससे पूर्व देश के शीर्ष लालमिर्च उत्पादक राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, के कई क्षेत्रों में पूर्व में भारी वर्षा होने तथा बाढ़ आने की खबरें मिली थी। कीमत तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने के बाद भी आंध्र प्रदेश समेत अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों के किसानों ने अपनी लालमिर्च फसल की तेजी से बिक्री कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह हो सकता है कि उन्हें इसमें और मंदी आने की आशंका सता रही हो। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लालमिर्च में हाल ही में 500-1000 रुपए और तेज होकर फिलहाल 14,500/16,000 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर बनी हुई है। हाल ही में इसमें 500 रुपए की तेजी आई थी। बहरहाल, बढ़ी कीमत पर भी लिवाली का सामान्य समर्थन बना होने से गुंटूर में 334 नंबर लालमिर्च 1000-1500 रुपए तेज होकर फिलहाल 13/14 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी होने की जानकारी मिली। 341 नंबर 13,000/15,500 रुपए पर बनी हुई है। तेजा लालमिर्च भी फिलहाल 13,000/15,500 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की सूचना मिली। फटकी मिर्च 500-1000 रुपए तेज होकर फिलहाल 5000/10,500 रुपए पर बनी होने की रिपोर्ट मिली थी। इसी प्रकार, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी तेजा लालमिर्च फिलहाल 14/16 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली थी। फटकी लालमिर्च फिलहाल 5400/10,000 रुपए प्रति क्विंटल पर 200-900 रुपए तेज होने की सूचना मिली। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। अत: आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च में मजबूती बनी रहने की संभावना है।