आफ सीजन होने के कारण आवक घटने से एक माह में में गुड़ के भाव 100 रूपए प्रति कुंतल बढ गए। भविष्य में नया सीजन शुरू होने तक इसमेंं गिरावट की संभावना कम है। बाजार मजबूत रह सकता है। आफ सीजन होने के पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुड की आवक समाप्त हो चुकी है । ग्राहकी निकलने से एक माह के दौरान गुड़ के भाव निचले स्तर से 100 रूपए बढक़र पेड़ी के भाव 4700/4800 रूपये तथा चाकू के भाव 4600/4700 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। स्टाकिस्टों की बिकवाली मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ के भाव 50 रूपये बढक़र चाकू के भाव 4050/4250 रुपए चौरसा के भाव 3950/4000 रुपए व पपड़ी के भाव 4000/4080 रूपये प्रति क्विंटल हो गया। मंडी में गुड़ का स्टॉक जुलाई के अंतिम सप्ताह तक 387725 कटटो के लगभग का रह गया है जो गत वर्ष से तुलना में 2.20 लाख कट्ïटे कम है। मंडी में रीमेड गुड़ पेड़ी के भाव 200 रूपये बढक़र 4300/4400 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। सांगली मंडी मांग बढऩे गुड़ के भाव 200 रुपए बढक़र 4100/4500 रूपये प्रति क्विंटल पर मजबूत रहे। मुंबई में भी सीमित बिकवाली से इसके भाव 200 रुपए बढक़र 5000/5500 रूपए प्रति क्विंटल हो गए। चालू सीजन के दौरान देश मे गन्ना की बुवाई लगभग 57.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है। डीए एंड एफडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 1.64 लाख हेक्टेयर की मामूली वृद्धि दर्शाता है, जब 55.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई थी। बिजाई अधिक होने के कारण गन्ने के उपलब्धता बढ़ाने की संभावना है। विश्व में गुड़ उत्पादन का 50 प्रतिशत से अधिक उत्पादन केवल भारत में होता है। इसका निर्यात संयुक्त राज्य अमेरिका ,चीन ,बांग्लादेश नेपाल ,इंडोनेशिया इत्यादि देशों को होता है। स्टॉक व मांग को देखते हुए देखते हुए नया सीजन शुरू होने तक गुड़ की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है। बजार 200/300 रुपए कुंतल की तेजी मंदी के बीच में घूमता रह सकता है।