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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

03-05-2025

बड़ी इलायची में मंदे के बादल छंटे, यहां से 100 रुपए की चाल संभव

  •  बड़ी इलायची में पिछले एक माह के अंतराल 100 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ गई है। अब नेपाल से पड़ता कम लग रहा है, भूटान बॉर्डर से भी माल पिछले तीन दिनों से कम आ रहा है, इसके बावजूद सटोरियों की घटाकर बिकवाली से बाजार गिरकर निचले स्तर पर आ गया है। अत: वर्तमान भाव में एक बार खरीद करना चाहिए, क्योंकि 100 रुपए प्रति किलो की तेजी मई के महीने में लग रही है। बड़ी इलायची में पिछले साल के माल काफी ऊंचे भाव के स्टॉक में बचने से कारोबारियों को ब्याज भाड़ा लगाकर 300 रुपए प्रति किलो का घाटा लग रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि गत वर्ष फसल आने पर पुराना स्टॉक अधिक होने के बावजूद स्टॉकिस्टों द्वारा सीजन के शुरुआत में ही प्रतिस्पर्धात्मक खरीद शुरू कर दी गई थी, जिसे 1400 रुपए प्रति किलो नीचे में बिकने के बाद 1700 रुपए तक भाव बन गए थे तथा अधिकतर कारोबारी 2000 रुपए पार की धारणा में बैठकर हर भाव में माल पकड़ते चले गए, लेकिन ग्वालियर में कुछ मिली भगत से बड़े सटोरियों द्वारा बाजार को तोडक़र पानी-पानी कर दिया गया, क्योंकि काफी माल वायदा में फरवरी से लेकर अप्रैल तक बिका हुआ था। वर्तमान में गिरकर 1460/1470 रुपए प्रति किलो भाव वहां रह गए हैं। कारोबारियों को वायदा में भारी नुकसान लगने का प्रभाव हाजिर बाजार पर भी पड़ा है, यही कारण है कि यहां भी अप्रैल के शुरुआत में 1640 रुपए प्रति किलो बिकने के बाद वर्तमान में 1550 रुपए प्रति किलो भाव रह गए हैं तथा इन भावों में भी कोई विशेष लिवाली नहीं है। अब सटोरियों का माल लगभग निपट चुका है तथा बड़ी इलायची में घरेलू मांग 3 महीने तक रहेगी, हम मानते हैं कि पाकिस्तान विवाद से बड़ी इलायची के निर्यात व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, क्योंकि अधिकतर खाड़ी के देशों में हमारे यहां से निर्यात होता है। इन सब के बावजूद भी हाजिर में किसी भी मंडी में ज्यादा नहीं है, केवल एक ही माल तीन-तीन बार बिका हुआ है, जिससे स्टॉक में क्वांटिटी अधिक होने की बात कही जा रही है, वह निराधार है। आज की तारीख में हाजिर माल मांगने पर कुछ कारोबारियों को छोडक़र माल मिलना मुश्किल है। इस वजह से जो आज भाव नीचे में बोल रहे हैं, इसमें अब और घटने की गुंजाइश नहीं है। वर्तमान में नेपाल भूटान बॉर्डर पर पूरी सख्ती हो गई है, जो हेरा फेरी से सस्ते भाव पर माल आता था, वह भी चार दिनों से कम आ रहा है, इस वजह से और घटने की गुंजाइश नहीं है। फसल का प्रेशर किसी भी मंडी में नहीं है, केवल वर्तमान में रुपए की चौतरफा तंगी होने से हाजिर व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, आगे के सौदे मई-जून के सस्ते नहीं मिल रहे हैं तथा भूटान एवं नेपाल से जो सस्ता माल आ रहा था, वह हेरा फेरी वाला आना बंद हो गया है क्योंकि पाकिस्तान से तनाव के चलते सभी खुले बॉर्डर पर जबरदस्त सख्ती चल रही है। आज की तारीख में लीगल में नेपाल से माल मांगने पर 50/60 रुपए प्रति किलो का ऊंचा पड़ता लग रहा है, भूटान में भी ज्यादा माल नहीं है, वहां भी बॉर्डर पर काफी सख्ती चल रही है, इन परिस्थितियों में 1500/1520 रुपए प्रति किलो से नीचे बड़ी इलायची दिल्ली में मुश्किल लग रही है। इसमें केवल ग्राहकी के अभाव का मंदा है। अत: यहां से घटाकर बिकवाली नहीं करना चाहिए, बल्कि 1500 रुपए दिल्ली डिलीवरी में हाजिर माल कोई बेचता हो, तो खरीद करने में आगे चलकर भरपूर लाभ मिल सकता है।

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बड़ी इलायची में मंदे के बादल छंटे, यहां से 100 रुपए की चाल संभव

 बड़ी इलायची में पिछले एक माह के अंतराल 100 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ गई है। अब नेपाल से पड़ता कम लग रहा है, भूटान बॉर्डर से भी माल पिछले तीन दिनों से कम आ रहा है, इसके बावजूद सटोरियों की घटाकर बिकवाली से बाजार गिरकर निचले स्तर पर आ गया है। अत: वर्तमान भाव में एक बार खरीद करना चाहिए, क्योंकि 100 रुपए प्रति किलो की तेजी मई के महीने में लग रही है। बड़ी इलायची में पिछले साल के माल काफी ऊंचे भाव के स्टॉक में बचने से कारोबारियों को ब्याज भाड़ा लगाकर 300 रुपए प्रति किलो का घाटा लग रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि गत वर्ष फसल आने पर पुराना स्टॉक अधिक होने के बावजूद स्टॉकिस्टों द्वारा सीजन के शुरुआत में ही प्रतिस्पर्धात्मक खरीद शुरू कर दी गई थी, जिसे 1400 रुपए प्रति किलो नीचे में बिकने के बाद 1700 रुपए तक भाव बन गए थे तथा अधिकतर कारोबारी 2000 रुपए पार की धारणा में बैठकर हर भाव में माल पकड़ते चले गए, लेकिन ग्वालियर में कुछ मिली भगत से बड़े सटोरियों द्वारा बाजार को तोडक़र पानी-पानी कर दिया गया, क्योंकि काफी माल वायदा में फरवरी से लेकर अप्रैल तक बिका हुआ था। वर्तमान में गिरकर 1460/1470 रुपए प्रति किलो भाव वहां रह गए हैं। कारोबारियों को वायदा में भारी नुकसान लगने का प्रभाव हाजिर बाजार पर भी पड़ा है, यही कारण है कि यहां भी अप्रैल के शुरुआत में 1640 रुपए प्रति किलो बिकने के बाद वर्तमान में 1550 रुपए प्रति किलो भाव रह गए हैं तथा इन भावों में भी कोई विशेष लिवाली नहीं है। अब सटोरियों का माल लगभग निपट चुका है तथा बड़ी इलायची में घरेलू मांग 3 महीने तक रहेगी, हम मानते हैं कि पाकिस्तान विवाद से बड़ी इलायची के निर्यात व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, क्योंकि अधिकतर खाड़ी के देशों में हमारे यहां से निर्यात होता है। इन सब के बावजूद भी हाजिर में किसी भी मंडी में ज्यादा नहीं है, केवल एक ही माल तीन-तीन बार बिका हुआ है, जिससे स्टॉक में क्वांटिटी अधिक होने की बात कही जा रही है, वह निराधार है। आज की तारीख में हाजिर माल मांगने पर कुछ कारोबारियों को छोडक़र माल मिलना मुश्किल है। इस वजह से जो आज भाव नीचे में बोल रहे हैं, इसमें अब और घटने की गुंजाइश नहीं है। वर्तमान में नेपाल भूटान बॉर्डर पर पूरी सख्ती हो गई है, जो हेरा फेरी से सस्ते भाव पर माल आता था, वह भी चार दिनों से कम आ रहा है, इस वजह से और घटने की गुंजाइश नहीं है। फसल का प्रेशर किसी भी मंडी में नहीं है, केवल वर्तमान में रुपए की चौतरफा तंगी होने से हाजिर व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, आगे के सौदे मई-जून के सस्ते नहीं मिल रहे हैं तथा भूटान एवं नेपाल से जो सस्ता माल आ रहा था, वह हेरा फेरी वाला आना बंद हो गया है क्योंकि पाकिस्तान से तनाव के चलते सभी खुले बॉर्डर पर जबरदस्त सख्ती चल रही है। आज की तारीख में लीगल में नेपाल से माल मांगने पर 50/60 रुपए प्रति किलो का ऊंचा पड़ता लग रहा है, भूटान में भी ज्यादा माल नहीं है, वहां भी बॉर्डर पर काफी सख्ती चल रही है, इन परिस्थितियों में 1500/1520 रुपए प्रति किलो से नीचे बड़ी इलायची दिल्ली में मुश्किल लग रही है। इसमें केवल ग्राहकी के अभाव का मंदा है। अत: यहां से घटाकर बिकवाली नहीं करना चाहिए, बल्कि 1500 रुपए दिल्ली डिलीवरी में हाजिर माल कोई बेचता हो, तो खरीद करने में आगे चलकर भरपूर लाभ मिल सकता है।


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