उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मनीष गलुण्डिया ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 पर्सेंट टैरिफ लगाए जाने का निर्णय निश्चित रूप से भारत के निर्यात क्षेत्र के लिए एक चुनौती है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता पहले से ही बनी हुई है। उदयपुर जैसे निर्यात-प्रधान क्षेत्र के लिए यह फैसला चिंता का विषय अवश्य है, परंतु साथ ही इसमें कुछ नए अवसर भी छिपे हैं जिन्हें हमें समझ और रणनीतिक सोच के साथ अपनाना होगा। गलुण्डिया ने एक बयान में कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में हमारे देश के विनिर्माण उद्योगों के लिए यह एक अवसर बन सकता है कि वे गुणवत्ता और नवाचार पर जोर देते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप स्वयं को ढालें। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक सशक्त कदम हो सकता है, जहां घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार पर निर्भरता को कम करते हुए हमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते हुए बाजारों की ओर रुख करना होगा। निर्यात में संभावित गिरावट को ध्यान में रखते हुए घरेलू खपत को बढ़ावा देना भी अत्यंत आवश्यक है। भारत का विशाल और विविधतापूर्ण बाजार स्थानीय उद्योगों के लिए एक बड़ा अवसर बन सकता है। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का यह विश्वास है कि यदि उद्योग, सरकार और समाज मिलकर कार्य करें, तो इस चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है और भारत को एक मजबूत वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सकता है।