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09-08-2025

एयू बैंक को आरबीआई से मिली यूनिवर्सल बैंक बनने की एप्रूवल

  •  एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इस नोटिफिकेशन के साथ, एयू यूनिवर्सल बैंक बनने की अनुमति पाने वाला भारत का पहला स्मॉल फाइनेंस बैंक बन गया है। बैंक ने अपने उद्देश्य, प्रतिबद्धता और अनुशासन से इस उपलब्धि को आकार दिया है। यह नियामकीय अनुमति एयू के मजबूत बिजनेस मॉडल, सुदृढ़ प्रशासन, और वित्तीय समावेशन के प्रति इसके दीर्घकालिक समर्पण की दृढ़ता से पुष्टि करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह उपलब्धि एयू की संपूर्ण बैंक के रूप में विकास यात्रा की पुष्टि करती है। आरबीआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, एयू अब अपने परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी नियामकीय और संचालन संबंधी शर्तों को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू करेगा। इस परिवर्तन के लिए आवेदन 3 सितंबर 2024 को किया गया था। एयू के असाधारण सफर के केंद्र में एयू के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल हैं। अग्रवाल ने 1996 में, महज 26 साल की उम्र में पारंपरिक कॉर्पोरेट करियर को ठुकराकर एक फाइनेंस कंपनी शुरू की। उनका विश्वास था कि भारत के सुविधाओं से वंचित और बिना बैंकिंग सुविधा वाले नागरिक भी सम्मानजनक वित्तीय सेवाओं के हकदार हैं। उनके पास कोई संस्थागत पूंजी नहीं थी और ना ही विरासत में कोई पहचान मिली थी, फिर भी अग्रवाल ने एक लेंडिंग कंपनी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छोटे उद्यमियों को वाहन फाइनेंसिंग की सुविधा मुहैया कराना था। अग्रवाल ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक से यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति प्राप्त कर हमने इतिहास रच दिया है। यह पड़ाव केवल एक नियामकीय उपलब्धि नहीं है, बल्कि हमारे उद्देश्य, हमारे संयम और हमारे जुनून को और भी मजबूत करता है।’ एयू सिर्फ एक बैंक नहीं है - एयू एक मिशन है। 

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एयू बैंक को आरबीआई से मिली यूनिवर्सल बैंक बनने की एप्रूवल

 एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इस नोटिफिकेशन के साथ, एयू यूनिवर्सल बैंक बनने की अनुमति पाने वाला भारत का पहला स्मॉल फाइनेंस बैंक बन गया है। बैंक ने अपने उद्देश्य, प्रतिबद्धता और अनुशासन से इस उपलब्धि को आकार दिया है। यह नियामकीय अनुमति एयू के मजबूत बिजनेस मॉडल, सुदृढ़ प्रशासन, और वित्तीय समावेशन के प्रति इसके दीर्घकालिक समर्पण की दृढ़ता से पुष्टि करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह उपलब्धि एयू की संपूर्ण बैंक के रूप में विकास यात्रा की पुष्टि करती है। आरबीआई के नोटिफिकेशन के अनुसार, एयू अब अपने परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जरूरी नियामकीय और संचालन संबंधी शर्तों को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू करेगा। इस परिवर्तन के लिए आवेदन 3 सितंबर 2024 को किया गया था। एयू के असाधारण सफर के केंद्र में एयू के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल हैं। अग्रवाल ने 1996 में, महज 26 साल की उम्र में पारंपरिक कॉर्पोरेट करियर को ठुकराकर एक फाइनेंस कंपनी शुरू की। उनका विश्वास था कि भारत के सुविधाओं से वंचित और बिना बैंकिंग सुविधा वाले नागरिक भी सम्मानजनक वित्तीय सेवाओं के हकदार हैं। उनके पास कोई संस्थागत पूंजी नहीं थी और ना ही विरासत में कोई पहचान मिली थी, फिर भी अग्रवाल ने एक लेंडिंग कंपनी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छोटे उद्यमियों को वाहन फाइनेंसिंग की सुविधा मुहैया कराना था। अग्रवाल ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक से यूनिवर्सल बैंक बनने की सैद्धांतिक अनुमति प्राप्त कर हमने इतिहास रच दिया है। यह पड़ाव केवल एक नियामकीय उपलब्धि नहीं है, बल्कि हमारे उद्देश्य, हमारे संयम और हमारे जुनून को और भी मजबूत करता है।’ एयू सिर्फ एक बैंक नहीं है - एयू एक मिशन है। 


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