वस्त्रनगरी में लम्बे समय से बाजार में उठाव नहीं आने से हालात उत्साहजनक नहीं है। वर्तमान हालात में बाजार एक तरह के मिक्स ट्रेंड से गुजर रहा है तथा वैश्विक उथल-पुथल का असर टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर झलक रहा है। बाजार में कपड़े का उठाव कमजोर होने के साथ ही बिजली कटौती सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। पिछले एक पखवाड़े से आग उगलती गर्मी के चलते मशीनों पर कार्य करने कठिन हो रहा है जिससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। हालात सामान्य नहीं होने से बाजार कुछ दबाव में है। विद्युत कटौती के कारण कपड़ा बनाने वाली कई इकाइयां सप्ताह में एक -दो दिन प्रॉडक्शन बंद रखती हैं। बिजली संकट के चलते भी कई यूनिटों की उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है। चीन से आने वाले कपड़े के चलते भीलवाड़ा के टेक्सटाइल मार्केट में गिरावट आई है। बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के चलते भीलवाड़ा से जाने वाले कई ऑर्डर अटके गये है। इससे पेमेंट साइकल प्रभावित हुई है। कोविड के बाद स्कूल यूनिफॉर्म पर भी सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। कपड़ा उत्पादकों के अनुसार बाजार में सुधार आने की बड़ी उम्मीद बनी हुई है। हालांकि निर्यात बाधाओं और राजनीतिक अस्थिरता ने स्थिति को अधिक जटिल बना रखा है।